कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अब 'ड्रोन' के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है। इस दौरान राहुल गांधी ने ड्रोन भी उड़ाया। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज ड्रोन युद्ध के तरीके बदल रहा है लेकिन भारत इस तकनीक में अभी बहुत पीछे है। राहुल ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर 9.15 मिनट का एक वीडियो भी शेयर किया है। 


राहुल गांधी ने चीनी कंपनी DJI के एक ड्रोन को दिखाते हुए कहा कि ये खिलौना उद्योग से आया है। उन्होंने कहा कि इसी में हमें निवेश करने की जरूरत है, क्योंकि पूरा AI नेटवर्क इसी पर काम करेगा।

हमें समझ नहीं कि ड्रोन कैसे बनता हैः राहुल

राहुल गांधी ने कहा, 'ये एक DJI ड्रोन है, जो चीन में बना है लेकिन ये खिलौन उद्योग से आया है और यही वास्तव में सबसे शक्तिशाली है। यही वो क्षेत्र है जिसमें हमें निवेश करना चाहिए और यही नेटवर्क जो इसे बनाता है। यही असली मूल्य रखता है। वास्तव में पूरी AI नेटवर्क इसी पर काम करेगी। दुखद सच्चा ई ये है कि हम इसके अंदर किसी भी घटक का निर्माण नहीं करते। हमें ये भी समझ नहीं कि ये कैसे बनता है। हम ऑप्टिक्स का निर्माण नहीं करते।'


राहुल ने कहा, 'मैं इस देश के युवाओं से सीधे बात कर रहा हूं कि कैसे ड्रोन युद्ध के तरीके क बदल रहा है।' उन्होंने ड्रोन दिखाते हुए कहा, 'ये एक DJI ड्रोन है। ये एक लिथियम पॉलिमर बैटरी है। चार ब्रशलेस डीसी मोटर है। ये इसका कैमरा है। आप इन ब्रशलेस मोटर को बैटरी से जोड़ते हैं, इसे एक कैमरा देते हैं और लोगों को सीधे जुड़ने की सुविधा देते हैं। इस FPV यूनिट के माध्यम से आप युद्ध की रणनीति बदल देते हैं। ये छोटी सी चीज है। यूक्रेन युद्ध में टैकों, तोपों को बेकार बना रही है। इसे एक चीनी फैक्ट्री ने बनाया है। जो हम यहां देख रहे हैं वो वास्तव में एक खिलौना है। मोटर की नई तकनीक, हाई क्वालिटी वाले ऑप्टिक्स और सेलफोन बैटरियों को जोड़ कर बनाया गया है।'

 

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ड्रोन कैसे बदल रहा युद्ध के तौर-तरीके?

उन्होंने कहा, 'ये युद्ध के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। पहले वायुसेना आमतौर पर 10 हजार की ऊंचाई से ज्यादा की ऊंचाई पर काम करती थी। अगर कोई जमीनी लड़ाकू यूनिट हवाई समर्थन चाहती थी को वायुसेना को बुलाना पड़ता था। वायुसेना को एक विमान भेजना पड़ता था जो काफी महंगा और जटिल होता था। अब पलन के पास अपनी वायुसेना है। वो विरोधियों पर हमला करने के लिए उस वायुसेना का उपयोग कर सकती है। युद्ध के मैदान का निरीक्षण कर सकती है। वायुसेना अब पूरी तरह से जमीनी स्तर पर आ गई है। युद्धक्षेत्र अब पारदर्शी हो गया है। आप बस एक ड्रोन ऊपर करते हैं और फिर आप हर चीज देख सकते हैं। ड्रोन हमले के लिए भेज सकते हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी और ऑप्टिक्स का संयोजन है। पानी के भीतर युद्ध प्रणाली से तकनीक बदल गई है। एक छोटे जहाज या पनडुब्बी में ड्रोन लगा सकते हैं और उसे डुबो सकते हैं।'

 

उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए एक सामान्य एयरक्राफ्ट कैरियर पानी के नीचे घूमते इन ड्रोन के आगे नहीं टिक पाएगा। ऑप्टिक्स और संचार प्रणाली युद्धक्षेत्र और समुद्र को नए तरीके से देखने की अनुमति देती है और इलेक्ट्रिक मोटर से बिल्कुल सटीक निशाना लगा सकते हैं। हमें ऐसी प्रणाली बनानी होगी। हमें इलेक्ट्रिक मोटरों में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। हमें ऑप्टिक्स में विशेषज्ञता विकसित करनी होगी। हमें बैटरियों में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। यही वो चीज है जो इलेक्ट्रिक वाहनों का केंद्र है। यही वो चीज है जो ड्रोन का केंद्र है। दुखद सच्चाई ये है कि हम इस क्षेत्र में कहीं भी नहीं हैं। हम इसके अंदर के किसी भी घटक का निर्माण नहीं कर रहे हैं। हमें समझ नहीं है कि ये कैसे बनता है। यही वो क्षेत्र है जिसमें हमें निवेश करना चाहिए। वास्तव में पूरी एआई नेटवर्क इसी पर काम करेगी। एआई तय करेगा कि इसे कैसे बनाया जाए, कैसे इस्तेमाल किया।'

 

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ड्रोन के जरिए मोदी सरकार पर निशाना

राहुल गांधी ने ड्रोन और एआई के जरिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम एआई में नंबर 1 बनेंगे तो मुझे बकवास लगता है। आप एआई में नंबर 1 नहीं बन सकते, जब तक आपके पास एक मजबूत प्रोडक्शन नेटवर्क नहीं होगा। कम से कम आपके पास उपभोग डेटा होना चाहिए। भारत ने अपना उपभोग डेटा दूसरी कंपनियों को दे दिया है। भारत उत्पादन क्षेत्र में कहीं भी नहीं हैं।'


राहुल ने ड्रोन दिखाते हुए कहा, 'ये वो चीज है जो हर जगह जा सकती है। ये वहां जा सकता है जहां बंदूक नहीं जा सकती। लोगों का पीछा कर सकती है। कहीं छिप सकती है। ये ऐसी बहुत सी चीजें कर सकती हैं जो हथियार नहीं कर सकते। नई औद्योगिक क्रांति हो रही है। ये सबकुछ बदल देगा और जो मैं चाहता हूं या पसंद करता हूं, वो ये है कि हमारे पास हजारों युवा भारतीय हैं जो इसे गहराई से समझ सकते हैं। युवा इसे अच्छी तरह से समझें तब हमारे पास अच्छा सिस्टम होगा। आज की त्रासदी ये है कि हम हर तरह की चीजों की बात कर रहे हैं लेकिन हम इसके बारे में नहीं जानते। युद्ध हमेशा गतिज शक्ति के वितरण के बारे में होता है। गतिज शक्ति लोगों को मारती है। यही असल में युद्ध है।'

 

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ड्रोन कैसे बदलेगा युद्ध? राहुल ने समझाया

राहुल ने वीडियो में आगे समझाया कि ड्रोन युद्ध के तौर बदल रहा है। राहुल ने कहा, ' यह चीज युद्ध पूरी तरह से बदल देगी। अगर आप एक गोली से इसकी तुलना करें तो गोली केवल सीधी दिशा में जा सकती है। ये ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं जा सकती है। हवा में रुक सकती है। इसकी तुलना टैंक शेल से करें तो टैंक सिर्फ सीधे जा सकता है। मिसाइल से इसकी तुलना करें तो मिसाइल घूम सकती है लेकिन मिसाइल अचानक आसमान में रुक नहीं सकती। मिसाइल इतनी जटिल और सटीक चालें नहीं चल सकती। ये सचमुच एक क्रांति है। मैं अपने अमेरिकी दोस्तों से बार बार कहता हूं कि ये सैन्य प्राणाली नहीं आया है। अभी अमेरिकी ड्रोन सैन्य प्रणाली से आते हैं लेकिन ये खिलौना उद्योग से आया है। यही वास्तव में सबसे शक्तिशाली बातहै। क्योंकि यदि चीजें नीचे से ऊपर की ओर विकसित हो रही हैं तो जो नवाचार उत्पन्न होगा वो काफी होगा। ये मोटर, ब्रशलेस मोटर, वास्तव में मैंने इसे पहली बार 15-20 साल पहले एक रिमोट कंट्रोल प्लेन में देखा था। असली इनोवेशन ब्रशलेस मोटर था और फिर बैटरियां।'


राहुल ने आगे कहा, 'अब लोग सोचते हैं कि आप मेक इन इंडिया कह सकते हैं आप एक अडानी डिफेंस या किसी और को खड़ा कर सकते हैं। कोई भी मेक इन इंडिया करे तो ये आपको मिल जाएगा। ये एक प्रोडक्शन नेटवर्क का नतीजा है। हम और आप एक कंपनी बनाएं जो कुछ ऐसा ही उत्पादन बनाए। ये दिलचस्प नहीं है क्योंकि बहुत जल्द ही ये अप्रासंगिक हो जाएगा लेकिन अगर हमारे पास प्रोडक्शन नेटवर्क होगा तो हम कभी अप्रासंगिक नहीं होंगे।'