लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एनुअल लीगल कॉन्क्लेव के पहले सत्र, 'संवैधानिक चुनौतियां, नजरिया और राह' में शनिवार को कहा कि वह लोकतंत्र में राजा बनने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि वह राजा बनना भी नहीं चाहते हैं। जैसे की कॉन्क्लेव को संबोधित करने राहुल गांधी पहुंचे, वहां मौजूद लोग नारा लगाने लगे, 'देश का राजा कैसे हो, राहुल गांधी जैसा हो।' राहुल गांधी ने लोगों को वहीं टोक दिया।
राहुल गांधी ने वहां नारे लगा रहे लोगों को तत्काल टोक दिया। उन्होंने कहा कि राजा बनने के नारे न लगाओ। राजा बनने के तथ्य के खिलाफ ही उनकी सोच है। राहुल गांधी ने यह भी कहा मेरी बहन ने मुझे टोका था कि मैं आग से खेल रहा हूं, मैंने उससे कहा कि मैं जानता हूं कि मैं आग से खेल रहा हूं।
राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा:-
नहीं-नहीं बॉस। मैं राजा नहीं हूं। बनना भी नहीं चाहता हूं। मैं राजा के कॉन्सेप्ट के खिलाफ हूं।
राहुल गांधी ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा, 'आमतौर पर हम लोगों से मिलने जो लोग आते हैं, इधर-उधर की बातें करते हैं। काम की बात सिर्फ 5 मिनट मुश्किल से करते हैं। मुझमें इतना धैर्य नहीं है। मेरी बहन सबको सुन लेती है। मैं बोलता हूं कि काम की बात बताइए। मुझमें और मेरी बहन में बस इतना ही अंतर है। मेरी सोच है कि अगर आप मेरे पास कुछ कहने आएं हैं तो मुझे बताइए, आप यहां क्यों आए हैं, मुद्दा बताइए।'
यह भी पढ़ें: CM स्टालिन के साथ मॉर्निंग वॉक और NDA से अलग हो गए ओ पन्नीरसेल्वम
'आग से खेलता रहूंगा'
राहुल गांधी ने कहा, 'मेरी बहन मुझसे कहती है कि मैं आग से खेल रहा हूं। मैंने कहा कि मुझे पता है कि आग से खेल रहा हूं। आगे भी मैं आग से खेलता रहूंगा। ऐसा हो सकता है कि आप लोगों की तरह मैं भी आग में फंस जाऊं लेकिन मेरे परिवार ने मुझे सिखाया है कि कायरों से मत डरो। सबसे कायरतापूर्ण काम जो आप कर सकते हैं, वह यह है कि कायर से डराना।'
यह भी पढ़ें: 'राष्ट्रहित में हर जरूरी कदम उठाएंगे', ट्रंप के टैरिफ पर सरकार का जवाब
'कायर डरा रहे हैं'
राहुल गांधी ने कहा, 'हम ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं कि कायर डरा रहे हैं। सत्तारूढ़ विचारधारा काफी हद तक कायरता पर आधारित है। 2014 से ही मुझे चुनाव प्रणाली पर संदेह रहा है। इतनी बड़ी जीत हासिल करना हैरान करने वाला है।'
'चुनाव आयोग के खिलाफ हमारे पास सबूत'
राहुल गांधी ने कहा, 'महाराष्ट्र में जो हुआ, उसकी वजह से मैंने ज्यादा सोचा। अब यह मुद्दा गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर रहा है। मैं बिना सबूत के कुछ नहीं कह सकती था, लेकिन अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं।'
चुनाव आयोग की 'हकीकत' बताएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी:-
हम पूरे देश को दिखा देंगे कि चुनाव आयोग जैसी संस्था ठीक से काम नहीं करती। इसमें सेंध लगाई गई है। हमें सबूत ढूंढ़ने में 6 महीने लग गए। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चुनाव आयोग जो दस्तावेज़ मुहैया कराता है, उन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग मतदाता सूची पर स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन क्यों लागू करता है?
वकीलों पर राहुल गांधी ने क्या कहा?
एक राजनेता होने के नाते, हमारा एक बड़ा काम दूसरे राजनेताओं से मिलना होता है। जब आप किसी राजनेता से मिलते हैं तो वह मामूली मुद्दों पर बात करने में बहुत वक्त बताते हैं, अंतिम में जब जाने के लिए तैयार होते हैं, तब मुद्दे पर आते हैं। वहीं अभिषेक मनु सिंघवी हैं कि तत्काल मुद्दे पर आते हैं और 30 सेकेंड में मुझे बात बता देते हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस पार्टी को देखें तो कई वकील अग्रणी भूमिका में थे। वकील कांग्रेस पार्टी की रीढ़ हैं, और आप ही वो लोग हैं जिन्होंने संविधान की परिकल्पना की और उसके निर्माता रहे। लोकसभा चुनाव कैसे चुराया जाता है?'
यह भी पढ़ें: मालेगांव ब्लास्ट केसः बरी होकर बोंली प्रज्ञा ठाकुर- 'भगवा की जीत हुई'
SIR पर राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने कहा, '6.5 लाख मतदाताओं में से, हमें 1.5 लाख मतदाता फर्जी मिले। यह सब दस्तावेज़ों में दर्ज है। हमें चुनाव आयोग से कागजात मिले थे।'
भारत में मर गया है चुनाव आयोग
राहुल गांधी:-
भारत में चुनाव प्रणाली मृतप्राय है। याद रखें, भारत के प्रधानमंत्री बहुत कम बहुमत से पद पर हैं। अगर 15 और सीटों पर धांधली नहीं हुई होती, तो वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते। और हम आपको साबित कर देंगे कि लोकसभा में धांधली हो सकती है और हुई भी थी। जो संस्था इसे रखती है, इसकी रक्षा करती है और इसका बचाव करती है, उस पर कब्जा कर लिया गया है। मेरे पास अब 100 प्रतिशत सबूत हैं।'
'कृषि कानूनों पर अरुण जेटली ने मुझे धमकाया था'
अरुण जेटली पर राहुल गांधी ने क्या कहा, 'मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा था कि अगर तुम इसी रास्ते पर चलते रहे, सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों पर हमसे लड़ते रहे, तो हमें तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। मैंने जवाब दिया, मुझे लगता है कि तुम्हें पता नहीं है या तुम्हें अंदाज़ा भी नहीं है कि तुम किससे बात कर रहे हो। हम कांग्रेसी हैं, और हम कायर नहीं हैं। हम कभी झुकते नहीं; महाशक्ति अंग्रेज भी हमें झुका नहीं सके।'
