कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को घोषणा की कि वह पूरे देश में 25 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 'संविधान बचाओ' रैली का आयोजन करेगी। कांग्रेस के मुताबिक इस अभियान का मकसद सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है।

 

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज एआईसीसी के सभी महासचिवों, प्रभारी नेताओं और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस बैठक में अहमदाबाद में पारित प्रस्ताव ‘न्याय पथ: संकल्प, समर्पण, संघर्ष’ पर चर्चा हुई।

 

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रमेश ने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने गुजरात से ‘संगठन निर्माण अभियान’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य जिला कांग्रेस अध्यक्षों को और मज़बूत करना है। हर जिले में पांच पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे और 31 मई तक नए अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी। इस संबंध में यह तय किया गया है कि संगठन निर्माण अभियान को अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।’

 

 

चार चरणों में चलेगा अभियान

कांग्रेस का यह संविधान बचाओ अभियान चार चरणों में चलेगा। पहले चरण में राज्य स्तरीय रैलियां की जाएंगी जो कि 25-30 अप्रैल तक होगा। इसके बाद जिला स्तरीय रैलियां की जाएंगी जो कि 3 मई से 10 मई के बीच होगा। तीसरे स्तर पर विधानसभा स्तर पर रैली की जाएगी जो कि 11 से 17 मई के बीच चलेगी और चौथे स्तर पर 20 से 30 मई के बीच घर-घर संपर्क अभियान चलाया जाएगा।

लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ शुरू

दरअसल, संविधान को लेकर विपक्ष का आक्रामक रुख 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान शुरू हुआ था, जब INDIA गठबंधन के नेताओं—जिसमें राहुल गांधी भी शामिल थे—ने बीजेपी सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया था।

 

अब कांग्रेस इसी मुद्दे को लेकर जनसंपर्क अभियान चला रही है, ताकि आम जनता तक यह संदेश पहुंचाया जा सके कि संविधान के आधारभूत मूल्य—समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय—को बचाना बेहद जरूरी है।

 

'संविधान बचाओ' रैली को कांग्रेस का एक बड़े राजनीतिक अभियान के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है और इसको हथियार बनाकर बीजेपी के लिए राजनीतिक परेशानियां बढ़ाना चाहती है।