महाराष्ट्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। सांकेतिक रूप से ही सही लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे कि शिंदे बीजेपी को कुछ संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, शिंदे के हालिया बयानों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वे इशारों इशारों में ही कहना चाह रहे हैं कि उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है। हाल ही में उन्होंने 'टांगा पलटने' वाला बयान दिया था।
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'हल्के में मत लेना'
नागपुर में जब पत्रकारों ने इस बयान के बारे में उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'ये तो मैंने पहले ही कहा है, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है... मैं एक कार्यकर्ता हूं, सामान्य कार्यकर्ता हूं. लेकिन बाला साहेब और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं. ये समझ के मुझे सबने लेना चाहिए और इसलिए जब हल्के में लिया तो 2022 में टांगा पलटी कर दिया. सरकार को बदल दिया और हम आम जनता की इच्छाओं की सरकार लाए. इसलिए मुझे हल्के में मत लेना, ये इशारा जिन्हें समझना है वे समझ लें.'
उन्होंने आगे कहा, 'विधानसभा में अपने पहले भाषण में मैंने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस जी को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और हमें 232 सीटें मिलीं. इसलिए मुझे हल्के में न लें, जो लोग इस संकेत को समझना चाहते हैं, वे इसे समझें और मैं अपना काम करता रहूंगा.'
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परियोजना रोकी
इसके अलावा शिंदे जब मुख्यमंत्री थे जब उन्होंने जालना जिले के लिए 900 करोड़ की एक परियोजना पर मोहर लगाई थी जिसे अब फडणवीस सरकार द्वारा रोक दिया गया है। यही नहीं अब इसकी जांच भी कराई जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों के बीच तनाव बढ़ गया है।
बैठकों में भाग नहीं ले रहे शिंदे
बता दें कि फडणवीस द्वारा बुलाई गई हाल-फिलहाल की बैठकों में शिंदे भाग नहीं ले रहे हैं। ऐसे में अटकले लगाई जा रही हैं कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीतने के बाद अपने प्रतिद्वंदियों को लगभग धराशायी कर दिया था। लेकिन अब शिंदे के साथ दरार पड़ने की खबरें सामने आने लगी हैं।
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