गुजरात में एक विधानसभा सीट पर हाल ही में उपचुनाव हुए थे। उपचुनाव होने की वजह यह थी कि विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक रहे भूपेंद्र भाई भयानी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर ली थी। इस सीट पर उपचुनाव जीतकर AAP ने यह कमी पूरी ही की थी कि और विधायक पाला बदलने के मूड में दिख रहे हैं। बोटाड से AAP के विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह जनता से बात करेंगे और अगर उनके लोगों ने कहा तो वह विधायक पद भी छोड़ देंगे।

 

रोचक बात है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में AAP के कुल 5 विधायक जीते थे। इसमें से विसावदर सीट पर हाल ही में चुनाव हुए हैं और यह सीट AAP ने फिर से जीत ली है। इस सीट से गोपाल इटालिया विधायक चुने गए हैं। अब अगर उमेश मकवाना भी इस्तीफा देते हैं तो यह सीट भी खाली हो सकती है और यहां भी उपचुनाव कराए जाएंगे। उमेश मकवाना पहले बीजेपी में ही हुआ करते थे लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह AAP में शामिल हो गए थे और इस सीट से जीतकर विधायक बन गए थे। उमेश मकवाना को AAP ने 2024 में भावनगर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़वाया था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। चर्चाएं हैं कि उमेश मकवाना के अलावा गरियाधर से विधायक सुधीर वघानी भी AAP से नाराज चल रहे हैं।

 

उमेश मकवाना की इस बयानबाजी के बाद AAP गुजरात के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने ट्वीट करके कहा है, 'पार्टी विरोधी और गुजरात विरोधी गतिविधियों के लिए उमेश मकवाना को पांच साल के लिए पार्टी से सस्पेंड किया जाता है।'

 

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उमेश मकवाना ने AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में लिखा है, 'मैं आपको सूचित करता हूं कि मैं AAP में संयुक्त सचिव के पद पर पिछले ढाई साल से काम कर रहा हूं और गुजरात विधानसभा में AAP के दंडक के रूप में भी सेवा कर रहा हूं। फिलहाल, मेरी सामाजिक सेवाएं कम होने से मैं AAP के तमाम पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करूंगा। मुझे सभी पदों से और और जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें।'

उमेश मकवाना ने बताई इस्तीफे की वजह

 

इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में उमेश मकवाना ने कहा है, 'आपने देखा होगा कि मैंने बीजेपी में 20 साल से ज्यादा समय तक अलग-अलग पदों पर काम किया। जब गुजरात में AAP को कोई पहचानता नहीं था, तब मैंने सत्ताधारी पार्टी और बड़ा पद छोड़कर AAP ज्वाइन की थी। गुजरात में गरीब समाज ज्यादा है, उसके साथ कहीं न कहीं अन्याय हो रहा था, उसकी कोई बात नहीं सुनता। जब भी प्रदेश अध्यक्ष की बात आती है तो हमारे कोली समाज में से आज तक बीजेपी ने एक भी बार प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया, आज तक कभी सीएम भी नहीं बनाया। सिर्फ एक बार नरेंद्र मोदी जी को बीजेपी ने सीएम बनाया।'

 

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उन्होंने आगे कहा, 'गुजरात में सबसे ज्यादा वोट पिछड़े समाज का है। जब भी मुद्दे की बात आती है तो कांग्रेस पार्टी भी पीछे हट जाती है। सारी पार्टियां वोट ले जाती हैं लेकिन जब बड़ा पद देने की बात आती है तो BJP हो, कांग्रेस हो या AAP हो, सब हाथ खड़े कर देते हैं। हमारे समाज के नेताओं को कोने में बिठाया जाता है और सवर्णों को बड़ा पद दिया जाता है। AAP में हम अपने हर दफ्तर में बाबा साहब आंबेडकर का फोटो रखते हैं लेकिन मुझे लगता है कि हम उनकी मूल विचारधारा से भटक रहे हैं। इसलिए आज मैंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आगामी दिन में मैं सामाजिक नेताओं से मीटिंग करूंगा और हम निर्णय लेंगे कि नई पार्टी बनानी है कि क्या करना है।'

 

AAP छोड़ने या विधानसभा की सदस्यता छोड़ने के सवाल पर उनका कहना है, 'अभी मैं पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में हूं और जनता के बीच जाने वाला हूं। जनता जो भी निर्णय लेगी, वह मैं जरूर करूंगी। बीजेपी ज्वाइन करने की कोई जरूरत नहीं है, मैं पहले वहीं था। उन्होंने कभी कोली समाज का मुद्दा नहीं उठाया। कांग्रेस गुजरात में है ही नहीं, पूरी तरह से खत्म हो गई है।'