कांग्रेस नेता राहुल गांधी जर्मनी दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान बर्लिन की हर्टी स्कूल में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिमी देशों जिन चीजों का उत्पादन कर सकते थे, उनका उत्पादन चीन कर रहा है। यह अपनी प्रोडक्शन क्षमता को चीन को सौंपने की तरह है। अब इस वजह से लोकतांत्रिक देशों में नौकरियां पैदा करना मुश्किल हो गया है। इससे भारत, अमेरिका और यूरोप में राजनीतिक अस्थिरता और ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। राहुल गांधी ने तर्क दिया कि लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन जरूरी है।
राहुल गांधी ने भारत में बिकने वाली ज्यादातर चीजों के 'मेड इन चाइना' होने पर चिंता जताई और कहा कि भारत में सस्ती लागत, बड़ी आबादी और क्षमता है, लेकिन हम उत्पादन नहीं कर पा रहे। साथ ही, उन्होंने अमेरिका की घटती ताकत और आंतरिक संकट का जिक्र किया। म्यूनिख में भी राहुल गांधी ने ऐसी ही बात कही थी। बीएमडब्ल्यू फैक्ट्री घूमने के बाद राहुल ने कहा था कि मजबूत अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ उत्पादन है, लेकिन भारत में उत्पादन घट रहा है। हमें बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा करने वाले उत्पादन सिस्टम बनाने होंगे।
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राहुल गांधी की चिंता क्या है?
राहुल गांधी:-
चीन आज दुनिया का उत्पादन केंद्र है। ऐसे में भारत, अमेरिका और जर्मनी जैसे देश नौकरियां कैसे पैदा करेंगे? हमें लोकतांत्रिक तरीके से उत्पादन के मॉडल सोचने होंगे और भारत, अमेरिका व यूरोप के बीच साझेदारी बढ़ानी होगी।
राहुल गांधी ने जर्मनी में क्या-क्या कहा?
राहुल गांधी ने हर्टी स्कूल में ही आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं पर 'कब्जा' कर लिया है। ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। बीजेपी के खिलाफ कोई केस नहीं, लेकिन विपक्षी नेताओं पर ज्यादातर मामले हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष संस्थाओं के इस कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध की व्यवस्था बनाएगा।
राहुल ने इंडिया गठबंधन की एकता पर कहा कि सभी दल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा के खिलाफ एकजुट हैं, लेकिन राज्य चुनावों में एक-दूसरे से मुकाबला करते रहेंगे। उन्होंने बीजेपी पर संविधान खत्म करने और एक व्यक्ति के शासन की कोशिश का आरोप लगाया। उनका कहना था कि भारत विविधता वाला देश है, जहां बातचीत से फैसले होने चाहिए, न कि एक व्यक्ति के मन से।
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राहुल गांधी:-
भारत में कई लोग पीएम मोदी का समर्थन करते हैं। बहुत से लोग उनकी विचारधारा और भारत के बारे में उनके विजन से सहमत नहीं हैं। हमें लगता है कि यह विजन फेल हो जाएगा और इसमें बहुत सारी समस्याएं हैं। यह भारत में बहुत ज्यादा तनाव पैदा करेगा और भारतीय लोगों को एक-दूसरे से लड़वाएगा। हम इसका मुकाबला करेंगे। यह भारत में 2 विजन के बीच टकराव है।
राहुल गांधी ने कहा, 'INDIA गठबंधन की सभी पार्टियां RSS की मूल विचारधारा से सहमत नहीं हैं। हम उस सवाल पर एकजुट हैं, लेकिन हमारे बीच रणनीतिक मुकाबले हैं और वे जारी रहेंगे। हम संसद में एकजुट हैं और हम उन कानूनों पर BJP का विरोध करेंगे जिनसे हम असहमत हैं। यह सिर्फ चुनावों से कहीं ज्यादा गहरी लड़ाई है। हम भारत के एक वैकल्पिक विजन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। BJP संविधान और राज्यों, भाषाओं, धर्मों के बीच समानता को खत्म करने का प्रस्ताव दे रही है।'
राहुल गांधी:-
भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जिनका देश के बारे में भारत सरकार और RSS से बिल्कुल अलग नजरिया है। यह पूरे इतिहास में रहा है। क्या आप एक व्यक्ति की मनमर्जी से शासित होंगे या बातचीत से। कुछ लोग महसूस करते हैं कि भारत बहुत जटिल और विविध है, कई भाषाएं बोलता है और इतने सारे विचार हैं कि एक व्यक्ति उसके भविष्य का फैसला नहीं कर सकता। भारत हमारे राज्यों के बीच बातचीत होनी चाहिए।'
राहुल गांधी ने कहा, 'नोटबंदी ने हमारे MSMEs को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया और खत्म कर दिया। यह उनके कैश फ्लो पर हमला था। भारत में बड़े व्यवसायों के लिए जगह है। सभी अलग-अलग स्तरों पर कई अन्य खिलाड़ी हैं और सरकारों को उन्हें वित्तीय और तकनीकी रूप से समर्थन देना चाहिए। जब हम सत्ता में थे, तो मैन्युफैक्चरिंग GDP का लगभग 17% था, जो आज 12% है। हमारी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में गिरावट आई है।
राहुल गांधी:-
भारत में बड़े पैमाने पर रोज़गार पैदा करने का सिर्फ एक ही तरीका है और वह है मैन्युफैक्चरिंग। बीजेपी ने इसे पूरी तरह से हतोत्साहित कर दिया है, जब उन्होंने अंबानी और अडानी के हाथों में सत्ता सौंप दी है, जो कंपनियों को बनाने के बजाय सिर्फ उनका व्यापार करते हैं। असल में, उनमें से ज्यादातर लोग भारत में चीनी प्रोडक्ट बेच रहे हैं। हम देखेंगे कि MSME कैसे बनाए जाएं, एग्रीकल्चर में रोजगार कैसे पैदा किए जाएं और फिर मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देंगे। हम अपने GST को फिर से ठीक करेंगे, जो आज पूरी तरह से प्रोड्यूसर विरोधी और कंज्यूमर समर्थक है।
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल के बयानों को 'फेक न्यूज' करार दिया। उन्होंने डेटा पेश करते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 495 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और निर्यात 760 फीसदी बढ़ा है। ऑटोमोबाइल उत्पादन 1991 के बाद 14 गुना हो गया है। 1991 में 20 लाख वाहन से बढ़कर अब 2.8 करोड़ तक पहुंच गया है। बीजेपी का कहना है कि मोदी सरकार के तहत भारत आयात से निर्यात की ओर बढ़ रहा है और राहुल विदेश में भारत की छवि खराब कर रहे हैं।
