संजय सिंह, पटना: चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस और आरजेडी के बीच भी तल्खी देखी जा रही है। कांग्रेस चुनावी हार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विश्वासघातियों की सूची तैयार कर रही है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि आरजेडी के नेताओं की वजह से पार्टी के कई प्रत्याशी चुनाव हार बैठे। कांग्रेस, अपनी लिस्ट महागठबंधन के सभी सहयोगियों को सौंपेगी।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जितना भी वोट मिला है, उसमें आरजेडी का बड़ा योगदान है। अगर कांग्रेस अलग राजनीति करना चाहती है तो वह कर ले।मंगनीलाल मंडल का कहना है कि कांग्रेस को अलग जाने से अपनी ताकत का अंदाजा लग जाएगा। उन्होंने 2020 के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि तब कांग्रेस 72 सीट पर चुनाव लड़ी थी। कांग्रेस की जीत 19 सीटों पर हुई थी। यह जीत भी आरजेडी के कारण संभव हो पाया था।
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कांग्रेस के प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा कि अगर कांग्रेस की कोई राजनीतिक ताकत नहीं है तो आरजेडी ने कांग्रेस से समझौता क्यों किया। सहयोगी दलों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। कांग्रेस के दूसरे प्रवक्ता ज्ञानरंजन का कहना है कि आरजेडी को यह मामला समन्वय समिति की बैठक में उठाना चाहिए।
सैयद शाहनवाज हुसैन, प्रवक्ता, बीजेपी:-
दोनों दल पहले से ही आपस में लड़ते आ रहे हैं। इनका अंत भी लड़ाई से ही होगा।
अब बिहार में क्या हो रहा है?
महागठबंधन विधायक दल की बैठक एक पोलो रोड में हुई। बैठक में तेजस्वी यादव को प्रतिपक्ष का नेता चुना गया। बैठक में मौजूद विधायकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जनहित के मुद्दों को एकजुट होकर उठाया जाएगा। इस बार के चुनाव में महागठबंधन को 35 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जबकि एनडीए के पास 202 सीटों की ताकत है।
दो दिन पहले तेजस्वी यादव बिना किसी को कुछ बताए अचानक दिल्ली चले गए थे। अचानक शनिवार को वह पटना लौटे। पत्रकारों ने हवाई अड्डे पर उनसे कुछ पूछना चाहा, पर वे बचकर निकल गए।
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बिहार विधानसभा का सत्र कब से है?
एक दिसंबर से विधानमंडल का सत्र शुरू होनेवाला है। इसके पूर्व महागठबंधन के विधायकों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (ML) (L) विधायक अजय कुमार ने विपक्ष को संगठित होकर सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने की बात कही।
JDU जिन 16 सीटों पर हारी, वहां हो रही हार की समीक्षा
विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर हुई जनता दल (यूनाइटेड) की हार की समीक्षा शुरू हो गई है। विधानसभा प्रभारी, जिलाध्यक्षों और संगठन से जुड़े अन्य नेताओं से रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसी चर्चा है कि 6 दिसंबर को हार की गहन समीक्षा होगी। समीक्षा के दौरान विधानसभा प्रभारी और जिलाध्यक्षों को बुलाया जा सकता है।
पार्टी को यह शिकायत मिली थी कि कुछ जगहों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को जीताने के लिए जेडूयी के ही कुछ नेता सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। जेडूयी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल और दूसरे दलों से अपने करीबियों और रिश्तेदारों को टिकट दिलवाने में अहम भूमिका भी निभाई थी। अब ऐसे लोगों पर गाज गिर सकती है।
