संसदीय समिति ने एक देश एक चुनाव संबंधी दो विधेयकों के लिए बुधवार को पहली बैठक की। इस बैठक में बीजेपी के सदस्यों ने तो एक देश एक चुनाव की सराहना की लेकिन विपक्षी सांसदों ने इस पर सवाल उठाए। वहीं कानून मंत्रालय की तरफ से जेपीसी के सदस्यों की तरफ से पढ़ने के लिए 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गई।

 

कांग्रेस इसे असंवैधानिक और लोकतांत्रिक ढांचे का उल्लंघन बताती रही है। वहीं प्रियंका गांधी का कहना था कि यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। उनका कहना था कि इसमें काफी खर्च आएगा और बहुत ढेर सारी ईवीएम की जरूरत होगी.

 

एक अन्य कांग्रेस नेता ने 1973 में केशवानंद भारती केस का हवाला देते हए कहा कि एक देश एक चुनाव संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने का अधिकार है लेकिन यह उसके मूल ढांचे में संशोधन नहीं कर सकता। 

 

बैठक के बाद आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भी सूटकेस दिखाते हुए फोटो शेयर की। इसमें जेपीसी सदस्यों को पढ़ने के लिए दी गई रिपोर्ट थी।

 

कितने हैं सदस्य

संसदीय समिति में 39 सदस्य हैं। यह समिति 129वें संशोधन विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक की जांच करेगी।

एक देश एक चुनाव बिल को लोकसभा में शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था और बाद में इसे जेपीसी को सौंप दिया गया।

इस पैनल में 27 लोकसभा के और 12 राज्य सभा के सांसद हैं। 

कोविंद कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित

यह विधेयक पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी की सिफारिश पर आधारित है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि एक देश एक चुनाव से चुनाव में होने वाले खर्चों में कमी आएगी, ज्यादा प्रभावी गवर्नेंस का रास्ता साफ होगा। कमेटी ने इसके लिए 47 राजनीतिक पार्टियों से बात की जिनमें से 32 ने इसका समर्थन किया औऱ 15 ने विरोध किया।