केरल का निकाय चुनाव लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। सत्ताधारी लेफ्ट डेमोक्रैटिक फ्रंट (LDF) को झटका लगा है तो विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (UDF) नतीजों से गदगद है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी खुश है क्योंकि उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है और तिरुवनंतपुरम में वह अपना मेयर बनाने में कामयाब रही है। अब एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। त्रिशूर जिले की ग्राम पंचायत में लेफ्ट को हराने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने ही हाथ मिला लिया। कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दिया और बीजेपी के लोगों ने मिलकर एक पूर्व कांग्रेसी को पंचायत अध्यक्ष चुन लिया। इस तरह की घटना के बाद केरल के सीएम पिनराई विजयन ने इसकी शिकायत कांग्रेस नेतृत्व से कर डाली है।
यह मामला त्रिशूर जिले की मत्तातुर पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव का है। अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बगावत कर दी और बीजेपी के साथ चले गए। दूसरे तरफ से कांग्रेस के और बागी लेफ्ट के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे। फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके चलते लेफ्ट ने फिर से कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है।
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पिनराई विजयन को आया गुस्सा
इस मामले पर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए सीएम पिनराई विजयन ने एक X पोस्ट में लिखा है, 'मत्तातुर पंचायत में कल जो हुआ वह एक शातिराना ट्रेंड दिखा रहा है। कांग्रेस के लोग सत्ता के लिए बीजेपी से हाथ मिला रहे हैं। दलबदल की यह राजनीति आखिर में संघ परिवार के उस प्रोजेक्ट को सामान्य बना रही है जिसमें पाला बदलने और लोकतांत्रिक परिणाम को पलटने को सही माना जाता है। ऐसा ही पहले अरुणाचल प्रदेश, गोवा और पुडुचेरी में देखा गया और इससे केरल में बीजेपी की महत्वाकांक्षा को मदद मिल रही है। इस खतरनाक बदलाव पर कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट शब्दों में जवाब देना चाहिए।'
चुनाव में क्या हुआ?
शुक्रवार को हुए इस चुनाव में पंचायत का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुना जाना था। LDF के पास सबसे ज्यादा 10 सदस्य थे। कांग्रेस के पास 8 और बीजेपी के पास 4 थे। कांग्रेस के दो बागी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते थे। यानी कुल 24 सदस्य थे। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी की ओर से उतारे गए उम्मीदवार का समर्थन दिया। ऐसे ही एक बागी को बीजेपी के समर्थन ने उपाध्यक्ष भी चुन लिया गया।
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इस मामले पर कांग्रेस की जिला कमेटी के अध्यक्ष जोसेफ ताजेत ने कहा है, 'बगावत करने वाले 8 सदस्यों और दो अन्य लोगों को कांग्रेस से सस्पेंड कर दिया गया है। पार्टी ने व्हिप जारी किया था। पार्टी ने चुनाव आयोग का रुख किया है और बताया है कि इन लोगों ने ऐंटी डिफेक्शन लॉ का उल्लंघन किया है।'
इसी मामले पर बीजेपी के नेता बी गोपालकृष्णन ने कहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'हमने साफ मांग रखी थी कि कांग्रेस के सदस्यों को अपनी पार्टी छोड़नी होगी। जब उन्होंने इस्तीफा दिया तभी हमने उनसे हाथ मिलाया।'
वहीं, कांग्रेस छोड़कर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए टेसी जोसेफ का कहना है, 'हो सकता है कि बीजेपी के लोगों ने हमें इसलिए वोट दिया क्योंकि वे लेफ्ट के खिलाफ थे। लेफ्ट के लोग सत्ता में बने रहना चाहते थे क्योंकि वे अपने पिछले कार्यकाल के भ्रष्टाचार को छिपाना चाहते थे। हमारा मकसद इसी का विरोध करना था और बीजेपी ने इसमें हमारा साथ दिया।'
