23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आने और कई दिनों तक चली उठापटक के बाद आज मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया, जिसके बाद इस बात से पर्दा उठ गया है कि महाराष्ट्र में किसे मंत्री बनाया जाएगा। 

 

महाराष्ट्र में 39 अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। अब इसके बाद महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या 42 हो गई है। देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने पहले से ही शपथ ले ली थी। जहां फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की तो शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की  शपथ ली थी।

किसके कितने मंत्री

कैबिनेट विस्तार में बीजेपी के 19 मंत्री, शिवसेना के 11 और एनसीपी के कोटे से 9 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई है।  इनमें से 33 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में और 6 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।

 

अगर प्रतिशत हिसाब से देखा जाए तो इसमें शिवसेना और एनसीपी को उनके सीटों के प्रतिशत के हिसाब से ज्यादा मंत्रिपद दिए गए हैं। महायुति द्वारा जीती गई कुल 235 सीटों में से शिवसेना के पास 57 और एनसीपी के पास 41 सीटें हैं, जो कि उनकी महायुति में कुल सीट संख्या के हिसाब से क्रमशः 24 और 17 प्रतिशत हैं। लेकिन मंत्रियों की संख्या के हिसाब से देखें को कुल 39 मंत्रियों में से शिवसेना को 11 और एनसीपी को 9 बर्थ दी गई हैं जो कि क्रमशः लगभग 28 प्रतिशत और 23 प्रतिशत होता है।

 

वहीं बीजेपी के पास महायुति की कुल सीटों का लगभग 55 फीसदी है जबकि मंत्रियों की संख्या कुल 19 है जो कि कुल  मंत्रियों की संख्या का लगभग 47 प्रतिशत है।

33 साल बाद नागपुर में ली शपथ

महाराष्ट्र में 33 साल बाद नागपुर में मंत्रियों द्वारा शपथ ली गई है। इसके पहले 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुधाकर राव नाईक के शासनकाल में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था, उस वक्त भी शपथ ग्रहण नागपुर में हुआ था। 

ढाई साल पर होगा रिव्यू

सूत्रों के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि मंत्रियों के कार्यकाल सिर्फ 2.5 सालों के लिए ही होगा. डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कहा था कि महायुति उन विधायकों को भी मौका देगी जिन्हें मौजूदा सरकार में जगह नहीं मिली है। मंत्रिमंडल विस्तार से भी पहले उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी कहा था कि ढाई साल के लिए अन्य लोगों को भी मौका दिया जाएगा।  उन्होंने कहा था कि हर कोई मंत्री बनना चाहता है और उसे मौका मिलना चाहिए।

क्या हैं इसके मायने

इससे एक्सपर्ट्स द्वारा कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह दिखाता है कि भले ही लग रहा हो कि सब कुछ ठीक है और महायुति की सरकार में किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है लेकिन ढाई साल बाद मंत्रियों के बर्थ को रिव्यू करने की बात जो कही जा रही है उससे लग रहा है कि कुछ विधायक मंत्रिपद न मिलने के कारण नाराज भी होंगे। इसलिए कहीं न कहीं उन्हें आश्वासन देने के लिए यह बात कही गई होगी।

 

हालांकि, इसके दूसरे भी निहितार्थ हैं कि ढाई साल बाद अगर किसी मंत्री का काम ठीक नहीं पाया जाता है तो उसे हटा दिया जाएगा और किसी और को यह पद दिया जाएगा।

किन मंत्रियों ने ली शपथ

बीजेपी

1- चन्द्रशेखर बावनकुले
2- राधाकृष्ण विखे पाटिल
3- चंद्रकांत पाटिल
4- गिरीश महाजन
5- गणेश नाईक
6- मंगल प्रभात लोढ़ा
7- जयकुमार रावल
8- पंकजा 1- चन्द्रशेखर बावनकुले
2- राधाकृष्ण विखे पाटिल
3- चंद्रकांत पाटिल
4- गिरीश महाजन
5- गणेश नाईक
6- मंगल प्रभात लोढ़ा
7- जयकुमार रावल
8- पंकजा मुंडे
9- अतुल 
10- अशोक उइके
11- आशीष शेलार
12- शिवेंद्र राजे भोसले
13- जयकुमार गोरे
14- संजय सावकरे
15- नितेश राणे
16- आकाश फुंडकर
17- माधुरी मिसाल (राज्यमंत्री)
18- पंकज भोयर (राज्यमंत्री)
19- मेहना बोर्डिकर (राज्यमंत्री)

 

एनसीपी

 

1- हसन मुश्रिफ
2- धनंजय मुंडे
3- दत्ता मामा भरणे
4- अदिति तटकरे
5- माणिकराव कोकाटे
6- नरहरि ज़िरवाल
7- मकरंद आबा पाटिल
8- बाबासाहेब पाटिल
9- इंद्रनील नाईक ( राज्यमंत्री)

 

शिवसेना 

 

1- गुलाबराव पाटिल
2- दादा भूसे
3- संजय राठौड़
4- उदय सामंत
5- शंभुराज देसाई
6- संजय शिरसाट
7- प्रताप सरनाईक
8- भरतशेठ गोगावले
9- प्रकाश अबितकर
10- आशीष जयसवाल (राज्यमंत्री)
11- योगेश कदम (राज्यमंत्री)