कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम लाकर केंद्र सरकार ने गरीबों की पीठ में छूरा घोंपा है। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि अब इसे लेकर राष्ट्रव्यापी जनांदोलन की जरूरत है। शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग समिति की बैठक में उन्होंने यह बातें कही हैं। उन्होंने कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कमर कस लेने की जरूरत है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि इससे पूरा भारत चिंतित है। उन्होंने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि कांग्रेस कार्यकर्ता यह जमीनी स्तर पर देखें कि उनके वोट न काटे जाएं।
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कांग्रेस की बैठक में शामिल कौन हुआ?
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, लोकसभा सदस्य शशि थरूर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कई नेता इस बैठक में शामिल हुए हैं।
'गरीबों की पीठ में छूरा घोंपा गया'
मल्लिकार्जुन खड़गे, अध्यक्ष, कांग्रेस:-
हम आज ऐसे मौके पर विचार और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जब देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया है। हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है। गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छुरा घोंपा है। मोदी सरकार ने काम के अधिकार पर सुनियोजित और क्रूर हमला किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा पर कहा, 'इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल, भूख, और शोषण से मुक्ति मिली। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मज़दूरों को भरोसा दिया कि गरीबी से जंग में सरकार उनके साथ खड़ी है।'
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मल्लिकार्जुन खड़गे, अध्यक्ष, कांग्रेस:-
मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन या मूल्यांकन के, राज्यों से या राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा के बिना इसे खत्म करके नया कानून थोप दिया। इस समय देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। इसका पुरजोर विरोध देश के हर कोने में होना चाहिए, क्योंकि इसके पहले जनवरी 2015 में जब मोदी सरकार ने कॉरपोरेट हितों में भूमि अधिग्रहण कानून बदला तो कांग्रेस के लोग सड़कों पर उतरे और सरकार को पीछे हटना पड़ा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम किसानों के हक में डटे रहे और नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री को किसानों से माफ़ी मांगते हुए कृषि कानून वापस लेने पड़े। इन काले कानूनों की वापसी की भविष्यवाणी राहुल जी ने बहुत पहले कर दी थी और हाल में उन्होंने ये भी भविष्यवाणी की है कि मोदी सरकार को दुबारा मनरेगा बहाल करना होगा।'
उन्होंने कहा, 'यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम मनरेगा पर ठोस योजना बनाएं, राष्ट्रव्यापी, जन-आंदोलन खड़ा करें। यह लड़ाई हम जीतेंगे। इस कठिन हालत में देश भर के कमजोर लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं।'
कांग्रेस के लिए क्या रणनीति बना रहे हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमें प्रदेश, ज़िला, ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर संगठन को सक्रिय, जवाबदेह और लड़ाकू बनाना होगा। हमारी तैयारियां जारी हैं। हम संगठित हो कर, पूरी एकता से चुनाव लड़ेंगे और लोकतंत्र को ताकतवर बनाएंगे। राहुल गांधी जी ने बार-बार तथ्यों और उदाहरणों के साथ वोट चोरी का प्रमाण देश के सामने रखा है। बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत जगजाहिर है। इसलिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे मतदाताओं के नाम न काटे जाएं।'
