देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में गुरुवार देर रात निधन हो गया। वे न सिर्फ दो बार देश के प्रधानमंत्री के पद पर रहे बल्कि अन्य भी कई बड़े पदों पर रहे हैं। वह यूजीसी चेयरमैन, 1992 में देश के वित्त मंत्री और आरबीआई के गवर्नर तक रहे हैं।

ऐसे में वे अपने कुछ खास कामों के लिए जाने जाते हैं।

आर्थिक उदारीकरण

डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में आर्थिक उदारीकरण का काम शुरू किया जिसने देश की आर्थिक तरक्की में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर्थिक उदारीकरण के तहत उन्होंने व्यवसाय से सरकारी नियंत्रण को कम किया, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा दिया और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को लागू किया। इस फैसले ने विदेशी बाजारों के लिए देश की अर्थव्यवस्था को खोल दिया।

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम जिसे आमतौर पर नरेगा कहा गया, उसने गरीबों के लिए रोजगार के क्षेत्र में क्रांति ला दी। इस योजना के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन की गारंटी दी गई। इसकी वजह से ग्रामीण भारत की आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ जिससे न सिर्फ ग्रामीण बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति मिली।

सूचना के अधिकार का नियम

सूचना के अधिकार नियम को मनमोहन सिंह के पहले प्रधानमंत्रित्व काल में साल 2005 में लाया गया। इसके तहत आम जनता को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया गया। इसकी वजह से शासन में पारदर्शिता आई और जवाबदेही बढ़ी।

मनमोहन सिंह के कार्यकाल कमें हर नागरिक को Aadhar कार्ड जारी किया गया, जिसने सभी नागरिकों को पहचान पत्र दिलाया। यह एक ऐसा पहचान पत्र था जो कि सभी योजनाओं का लाभ लेने में एक डॉक्युमेंट के रूप में प्रयोग किया जाना था, साथ ही यह हर नागरिक की पहचान भी था।

कृषि ऋण माफी

कृषि ऋण माफी के लिए मनमोहन सिंह को याद किया जाता है। यह काफी क्रांतिकारी कदम था जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं  की थी। कृषि संकट को दूर करने के लिए मनमोहन सिंह ने 60 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित की। इसकी वजह से किसानों का काफी राहत मिली।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)

दरअसल, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को शुरू किया। इसने वेलफेयर स्कीम की राशि को लाभग्राही तक सीधा पहुंचाने में काफी मदद की। इसके जरिए लाभ राशि को सीधा लोगों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। सरकार आज भी डीबीटी के जरिए जनता को लाभ उस तक पहुंचाती है।