राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान को कांग्रेस द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात को स्पष्ट किया कि कैसे कांग्रेस उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

 

अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'बात तथ्य के आधार पर होनी चाहिए और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लगातार तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'बीजेपी ने जो भी विषय रखे उसमें तय हो गया कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी, संविधान विरोधी, आंबेडकर विरोधी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का अपमान किया। नारी, सेना के शहीदों और न्यायपालिका का अपमान किया और कांग्रेस द्वारा भारत की भूमि को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की बात उजागर हुई।'

'नेहरू इंदिरा ने खुद को भारत रत्न दिया'

बाबा साहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया। बाबा साहेब के न रहने पर भी कांग्रेस ने उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिश की। जहां तक भारत रत्न देने का सवाल है कांग्रेस के नेताओं ने खुद को ही भारत रत्न दे दिया। नेहरू और इंदिरा ने खुद को ही भारत रत्न दे दिया। 1990 में बाबा साहेब को भारत रत्न तब मिला जब कांग्रेस सरकार में नहीं थी और बीजेपी के समर्थन वाली सरकार सत्ता में थी।

'आंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर'

गृह मंत्री ने नेहरू की आलोचना करते हुए कहा कि, 'नेहरू जी की आंबेडकर जी के प्रति नफरत जगजाहिर है। बंबई के मेयर ने बाबा साहेब के जन्म स्थान पर स्मारक बनाने का सुझाव दिया तो पंडित जी ने कहा कि सरकार के लिए स्मारक बनाना संभव नहीं होगा जबकि अपने परिवार के लिए कई स्मारक बनाया है।'

 

उन्होंने कहा कि, 'सर्वदलीय मंत्रिमंडल की देश की पहली कैबिनेट बनी। नेहरू जी के आश्वासन के बाद भी आंबेडकर जी को कोई भी महत्त्वपूर्ण पद नहीं दिया गया। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब का कोई भी बड़ा स्मारक नहीं बना।' 

 

संसद के बाहर विरोध करते हुए विपक्ष के नेता । फोटोः पीटीआई

 

'बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया'

अमित शाह ने कहा कि, 'राज्य सभा में दिए मेरे बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। कांग्रेस ने सार्वजनिक जीवन में बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश करने की पद्धति शुरू की है। उसने मोदी जी से बयानों को भी तोड़ मरोड़ को पेश किया। मेरे बयानों को भी लोकसभा चुनाव के दौरान एआई का प्रयोग करके तोड़-मरोड़कर पेश किया।'

 

उन्होंने कहा, 'पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने आंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 1980 को जब मंडल आयोग बना, उसकी रिपोर्ट आई तो इंदिरा जी ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।'

 

गृह मंत्री ने कहा कि 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी ने अपने जीवन का सबसे लंबा भाषण दिया और वह भी ओबीसी आरक्षण का विरोध करने के लिए किया।

 

उन्होंने कहा, 'मेरी बात पूरी तरह से रिकॉर्ड पर है और जिन्होंने हमेशा बाबा साहेब के सिद्धांतों का विरोध किया वे बाबा साहेब के नाम पर भ्रम फैलाना चाहते हैं।'

 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उन्होंने अपील की कि, 'आपका तो कम से कम दायित्व बनता ही है, आप उस वर्ग से आते हो जिस वर्ग के लिए बाबा साहेब ने पूरा जीवन समर्पित किया। इस आपको कम से कम कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास में सपोर्ट नहीं करना चाहिए था।