मणिपुर में भड़की हिंसा का असर, अब सत्तारूढ़ एनडीए सरकार पर भी पड़ रहा है। हिंसा की वजह से द नेशनल पीपल्प पार्टी (NPP) और भारतीय जनता पार्टी के बीच जारी गठबंधन खत्म हो गया है। NPP ने एन बीरेन सिंह सरकार के अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिरीबाम में कांग्रेस और बीजेपी के कार्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है, वहीं एक निरद्लीय विधायक अशबउद्दीन की एक बिल्डिंग में तोड़फोड़ की गई हैं।

बीजेपी के 3 विधायकों के घरों पर भीड़ ने तोड़फोड़ के बाद आग लगाई, वहीं कांग्रेस विधायक भी निशाने पर रहे। एक तरफ राज्य हिंसा की आग में जल रहा है, दूसरी तरफ मौजूदा सरकार भी संकट में है। मणिपुर से सीएम एन बीरेन सिंह ने शाम 6 बजे सचिवालय में एनडीए के विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई है। जिरीबाम कई दिनों से सुलगता है और एक राहत शिविर से 6 लोगों के लापता के होने के बाद से ही इंफाल तक हिंसा की जद में है। 

NPP के जाने से मणिपुर में क्या होगा?
मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के पास 7 विधायक हैं। पार्टी का आरोप है कि बीरेन सिंह, राज्य में शांति बहाली नहीं कर सके और हिंसा रोकने में वे बुरी तरह से फेल रहे हैं। एनपीपी के समर्थन वापस लेने से बीजेपी पर मणिपुर में कोई असर नहीं पड़ेगा, बीजेपी इस राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार में है। बीजेपी के पास कुल 32 विधायक हैं। एनडीए के साथ नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के 5 विधायक और जेडी (यू) के 6 विधायकों का समर्थन है। राज्य में सरकार तो बच जाएगी लेकिन गठबंधन का असर दूर तक जाएगा।

क्यों NPP ने अलग कर ली हैं राहें?
NPP ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखी, 'पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और खराब हो गई है और कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है. राज्य के लोग बेहद पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमें भरोसा है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह असफल रही है। मौजूदा हालातों को देखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।'


दूसरे राज्यों में क्या पड़ेगा असर?
NPP पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी की सहयोगी है। अरुणाचल प्रदेश में हुए साल 2024 में हुए विधानसभा चुनावों में एनपीपी के 5 विधायक जीते। इस राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 41 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। इस राज्य में भी बीजेपी पूर्ण बहुमत में है तो सरकार पर कोई असर नहीं होगा।