ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने 12 कांग्रेस विधायकों को अनुशासनहीनता और विधानसभा अध्यक्ष पद का अनादर करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि विधायकों ने सदन के नियमों का अपमान किया है। वे विधानसभा के वेल में विरोध कर रहे थे। कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को भुवनेश्वर में कांग्रेस भवन के सामने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। 

ओडिशा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास, ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू और कई दिग्गज नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी कांग्रेस विधायकों का दावा है कि उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने और निलंबित विधायकों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। 

'विधायकों से नहीं मिल पा रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक'
ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि पूर्व विधायक किसी भी समय विधानसभा की लॉबी तक जा सकते हैं और कहा कि उन्हें रोकने का कोई कारण होना चाहिए। चरण दास ने कहा, 'हम अपराधी नहीं हैं। पूर्व विधायक किसी भी समय विधानसभा की लॉबी तक जा सकते हैं। हम अपराधी नहीं हैं। हमें रोकने का कोई कारण होना चाहिए। क्या हमें अपने विधायकों से मिलने के लिए अंदर नहीं जाना चाहिए?'

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ओडिशा सरकार को अलोकतांत्रिक बता रही कांग्रेस

ओडिशा कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने इस मुद्दे पर ओडिशा सरकार पर तनाशाही और अलोकतांत्रिक होने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि विधायकों का निलंबन पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि अगर विधायक अपनी समस्याओं का जवाब मांग रहे हैं, तो सरकार क्यों डर रही है? 



ओडिशा में हंगामे की पूरी कहानी क्या है?
अजय कुमार लल्लू ने कहा, 'देश में महिला सुरक्षा की बात करना कब से अपराध हो गया। ओडिशा में 64000 से ज्यादा महिलाएं लापता हैं। हर दिन गैंगरेप हो रहे हैं। अगर चुने हुए विधायक सरकार से इन मुद्दों पर जवाब मांगते हैं, तो सरकार किस बात से डर रही है? हमारे 12 विधायकों को निलंबित करना अलोकतांत्रिक है। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम 27 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे और विरोध करेंगे।'

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विधानसभा वेल में ही सो गए कांग्रेस विधायक
ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निलंबित किए जाने के बाद, निलंबित किए गए 12 कांग्रेस विधायक विधानसभा वेल में ही सो गए। उन्होंने अपने निलंबन के खिलाफ विरोध जताया है।