गुजरात में चल रहे कांग्रेस अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सख्त नसीहत दे डाली है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ कहा है कि जो लोग पार्टी का काम नहीं करते हैं, वे रिटायर हो जाएं। गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे दो दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला भी बोला। चुनावों में कथित जालसाजी के मुद्दे को तूल देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाए कि पिछले 11 साल से सत्ताधारी पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी (BJP) संविधान पर चोट कर रही है। उन्होंने अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार ने संसद में इस मुद्दे को उठाने ही नहीं दिया।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस पार्टी के अधिवेशन को संबोधित करते हुए मतपत्र से चुनाव की पैरवी की और ऐसे आरोप भी लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है जिससे चुनावों में उसे फायदा और विपक्ष को नुकसान हो रहा है। खड़गे ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा, 'पिछले 11 वर्षों में सत्ताधारी दल संविधान पर लगातार चोट कर रहा है। हमारी संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं।'उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का सदन में आसन से नाम लिया गया लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया, जो लोकतंत्र के लिए लज्जा की बात है।
'मणिपुर पर सरकार कुछ छिपाना चाहती है'
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए देर रात तक संसद में चर्चा कराती रही जबकि मणिपुर पर भोर के समय कुछ देर के लिए चर्चा कराई गई।उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार मणिपुर को लेकर कुछ छिपाना चाहती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ (जवाबी शुल्क) लगाया लेकिन सरकार ने इस विषय को संसद में उठाने नहीं दिया।
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उन्होंने BJP सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए कि 'मित्रों' को सरकारी उपक्रम बेचे जा रहे हैं, जिससे वंचित तबकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने दावा किया, 'अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन यह सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बेचकर जाने वाले हैं। चुनाव आयोग से लेकर संसद तक सरकार का विस्तार करने का प्रयास हो रहा है। दुनिया में कहीं ईवीएम नहीं है, यह सिर्फ भारत में है। आपने (सत्तापक्ष) ऐसी तकनीक बना ली है जिससे आपको फायदा हो और विपक्ष को नुकसान होगा। अगर ऐसा ही रहा तो नौजवान उठेंगे और आपका हाथ पकड़कर कहेंगे कि ईवीएम नहीं होनी चाहिए।'
वोटर लिस्ट में कथित हेरफेर का हवाला देते हुए खड़गे ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जैसी जालसाजी हुई वैसी कभी नहीं हुई। उनका कहना था कि हरियाणा में भी यह छोटे पैमाने पर हुआ। खड़गे ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ना है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में उन्हीं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'संगठन निर्माण में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है इसलिए इनकी नियुक्ति कांग्रेस के दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पक्षता से होनी है।'
'जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, रिटायर हो जाएं'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमने भी देश भर से जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें बुलाईं। राहुल जी और हमने उनसे बात की। उनसे जानकारी ली। हम भविष्य में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करने वाले हैं।' उन्होंने गैर जिम्मेदार नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, 'साथ में यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते, उन्हें आराम करने की आवश्यकता है। जो जिम्मेदारी नहीं निभाते उन्हें रिटायर होना चाहिए।'
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तमिलनाडु के राज्यपाल से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार और उनके द्वारा विपक्षी राज्यों में भेजे गए राज्यपालों को (न्यायालय ने) ऐसी फटकार लगाई कि वह जीवन भर याद रखेंगे। BJP सरकार बार-बार यह बताने का प्रयास करती है कि भारत का विकास 2014 के बाद ही हुआ है लेकिन अगर गुजरात का उदाहरण देखें तो यहां की अधिकतर संस्थाएं कांग्रेस के समय में बनीं। गांधी नगर जैसा आधुनिक शहर कांग्रेस की देन है। जब हमारे लोगों को अमेरिका से बेड़ियों में बांध कर वापस भेजा जाता है, तब हमारे प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोलते। वैसे तो मोदी जी हर समय बोलते रहते हैं लेकिन जब देश के लोगों पर अन्याय होता है तो वह चुप हो जाते हैं।'
इस अधिवेशन का विषय 'न्याय पथ : संकल्प-समर्पण-संघर्ष' है। गुजरात में 64 साल के बाद कांग्रेस का अधिवेशन हो रहा है। इस अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें देश के लिए उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। मनमोहन सिंह का पिछले साल 26 दिसंबर को निधन हो गया था। कांग्रेस के कई अन्य नेताओं को भी श्रद्धांजलि दी गई जिनका हाल के महीनों में निधन हुआ है।