भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा है कि राजनीति और नौटंकी अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि नौटंकीबाज कभी भी राजनीति में सफल नहीं हो सकते हैं। कैलाश विजयवर्गीय राहुल गांधी के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि 50 पर्सेंट आरक्षण की सीमा को खत्म किया जाएगा। राहुल गांधी को जवाब देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन राहुल गांधी समाज को बांटना चाहते हैं और जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी वह राजनीति ही कर रहे हैं।
हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस 50 पर्सेंट आरक्षण सीमा को खत्म कर देगी। राहुल गांधी ने यह बयान तेलंगाना में दिया जहां जातिगत सर्वे शुरू होने जा रहा है। तेलंगाना की कांग्रेस सरकार 6 नवंबर से जातिगत सर्वे शुरू करने जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि इसके जरिए यह पता चलेगा कि गरीब कौन हैं और आबादी में उनकी हिस्सेदारी कितनी है। कांग्रेस की राय है कि इसी के जरिए 50 पर्सेंट आरक्षण की सीमा को खत्म करने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने सीमा तय कर दी थी कि आरक्षण अधिकतम 50 पर्सेंट तक ही हो सकता है।
राहुल गांधी में गंभीरता नहीं दिखती- कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'देखिए, राजनीति और नौटंकी अलग-अलग हैं। नौटंकीबाज कभी राजनीति में सफल नहीं होते हैं। एकाध बार कभी सफलता मिल सकती है लेकिन राजनीति गंभीरता का विषय है। सबसे पहले गंभीरता चाहिए, वह गंभीरता राहुलजी में कभी दिखती नहीं है। इसलिए जनता उनको नेता के रूप में कभी स्वीकार ही नहीं कर सकती है। मुझे लगता है कि संविधान जो कहता है, देश और समाज उसी के हिसाब से चलेगा। वह एक तरफ संविधान का सम्मान करते हैं और दूसरी तरफ उसी को तोड़ने की बात करते हैं।'
50 पर्सेंट आरक्षण सीमा को बढ़ाने के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। हम आरक्षण के पक्षधर हैं। हम चाहते हैं कि हर उस व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए जिसका अधिकार है। भारतीय जनता पार्टी ने 10 पर्सेंट आरक्षण सवर्ग गरीब को देने का काम किया है इसलिए जो हकदार है उसको आरक्षण मिलना चाहिए इसके हम पक्षधर हैं। जहां तक राहुल गांधी जी का सवाल है, वह समाज को बांटना चाहते हैं। हम जातिगत जनगणना के विरोधी नहीं हैं लेकिन इसके ऊपर राजनीति नहीं करना चाहिए। हमें गर्व है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि सिर्फ चार जातियां- महिला, किसान, युवा और गरीब। ये चार अगर सशक्त हो गईं दो देश सशक्त हो जाएगा।'