भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने के पहले केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए राष्ट्रीय स्मृति परिसर में स्थान को चिह्नित करने की स्वीकृति दे दी है।
इसके लिए प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'प्रधानमंत्री को कॉल करके धन्यवाद दिया। इसके लिए हृदय की गहराइयों से धन्यवाद।'
आगे उन्होंने लिखा कि बाबा कहा करते थे, 'राजकीय सम्मान की मांग नहीं करनी चाहिए बल्कि उसके लिए खुद से प्रस्ताव मिलना चाहिए। मैं पीएम मोदी की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने बाबा को सम्मान दिया।'
केंद्र सरकार ने जारी किया पत्र
केंद्र सरकार ने पत्र जारी करके कहा, 'सक्षम प्राधिकारी ने राष्ट्रीय स्मृति परिसर में स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने के लिए स्थान चिह्नित करने की स्वीकृति दे दी है।'
कुछ दिन पहले कांग्रस द्वारा मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र सरकार पर उठाए गए सवालों को लेकर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उसकी आलोचना की थी।
'CWC की मीटिंग नहीं बुलाई'
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की इस बात को लेकर भी आलोचना की कि प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद पार्टी ने सीडब्ल्यूसी मीटिंग तक बुलाने की चिंता नहीं की। उन्होंने लिखा, 'एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राष्ट्रपति के निधन पर ऐसा नहीं किया जाता है लेकिन यह बात बिल्कुल गलत थी क्योंकि बाबा की डायरी से मुझे पता लगा कि के आर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी को बुलाया गया था और उसके लिए ड्राफ्टिंग बाबा ने ही की थी।'
क्यों पहले बन रहा प्रणब मुखर्जी का स्मारक?
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस से दूरी हो गई थी। उस बीच साल 2018 में प्रणब मुखर्जी आरएसएस के एक इवेंट में भी गए थे।
उस वक्त केंद्र में बीजेपी सरकार थी और ऐसा माना जाने लगा था कि बीजेपी से उनकी नजदीकी बढ़ रही है। अब मनमोहन सिंह के पहले प्रणब मुखर्जी के स्मारक के लिए जमीन चिह्नित करने की खबर ने फिर से एक बार सियासी कयासबाजी शुरू कर दी है।