राजस्थान में हो रहे उपचुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने एक नेता नरेश मीणा को सस्पेंड कर दिया है। कांग्रेस के मुताबिक, नरेश मीणा के खिलाफ यह कार्रवाई करने की वजह है उनका निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना। एक और रोचक बात यह है कि नरेश मीणा को सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। उपचुनाव के लिए टिकट न मिलने पर नरेश मीणा राजस्थान की देवली-उनियारा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतर गए हैं और धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। यह सीट यहां से विधायक रहे हरीश मीणा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। वही हरीण मीणा अब नरेश मीणा को उठाईगीर और चोर बता रहे हैं।

 

2008 के परिसीमन के बाद बनी इस सीट से 2018 और 2023 में कांग्रेस के हरीश मीणा विधायक बने। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीतकर सांसद बन गए। हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई तो अब यहां उपचुनाव हो रहे हैं। नरेश मीणा भी टिकट के दावेदारों में थे लेकिन आखिर में टिकट मिल गई कांग्रेस के कस्तूर चंद मीणा को। वहीं, बीजेपी ने राजेंद्र गुर्जर को चुनाव में उतारा है। एक और रोचक बात है कि नरेश मीणा का समर्थन भारतीय आदिवासी पार्टी और रवींद्र सिंह भाटी जैसे नेता भी कर रहे हैं।

सस्पेंड हो गए नरेश मीणा

 

अब कांग्रेस ने नरेश मीणा को पार्टी से सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने बयान में कहा है, 'नरेश मीणा को कांग्रेस पार्टी से तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है क्योंकि वह देवली उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।' इससे पहले नरेश मीणा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से अपील की थी कि देवली उनियारा में कमजोर प्रत्याशी न उतारा जाए और केसी मीणा को टिकट देने के फैसले पर फिर से विचार किया जाए। उनकी इस अपील पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही चुनाव लड़ गए।

 

अब चुनाव में सिर्फ 6 दिन बाकी हैं और नरेश मीणा कांग्रेस नेताओं से भी समर्थन मांग रहे हैं। बताते चलें कि नरेश मीणा पहले भी कांग्रेस से बगावत कर चुके हैं। 2023 में टिकट न मिलने पर वह छाबड़ा सीट से चुनाव लड़ गए थे और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव में वह पार्टी में वापस आए और लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय उतरने वाले थे। तब तो उन्हें रोक लिया गया था लेकिन अब वह विधानसभा उपचुनाव में उतर गए हैं।