लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ असम के पान बाजार पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पर बोलते हुए कहा था कि हम इंडियन स्टेट से भी लड़ रहे हैं।
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर जमकर हंगामा बरपा था। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर बीजेपी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के बयान राजद्रोह की श्रेणी में आते हैं।
राहुल गांधी ने 9ए कोटला रोड पर कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन पर कहा था, 'भाजपा और आरएसएस ने हमारे देश के हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम सिर्फ भाजपा नामक राजनीतिक संगठन और आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट से भी लड़ रहे हैं।' अब इसी बयान के लिए उनके खिलाफ FIR हो गई है।
किन धाराओं के तहत दर्ज हुई FIR?
राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई है। राहुल गांधी के 15 जनवरी को दिए गए बयान को आधार बनाकर FIR दर्ज कराई गई है। राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और 197 (1) डी के तहत FIR हुई है। यह धाराएं, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे डालने वाले कृत्यों से जुड़ी हुई हैं। भारतीय न्याय संहिता इसे संज्ञेय और गैर जमानती अपराध मानती है।
FIR में क्या लिखा है?
FIR दर्ज कराने वाले शख्स का नाम मोनजीत चेतिया है। उन्होंने आरोप गाया है कि राहुल गांधी के भाषण से सार्वजनिक व्यवस्था और देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। राहुल गांधी के शब्द राज्य के अधिकार को कमजोर करने वाले हैं और राज्य के खिलाफ विद्रोह पैदा करने वाले हैं। इससे अलगाववादी भावनाएं भड़क सकती हैं।
राहुल पर आरोप क्या हैं?
FIR में कहा गया है कि राहुल गांधी ने भारतीय राज्य के खिलाफ अपनी लड़ाई बताई है, जो विध्वसंक गतिविधियों और विद्रोह को बढ़ावा देने वाला बयान है। FIR में कहा गया है कि उनकी राजनीतिक टिप्पणी बार-बार मिल रही चुनावी असफलताओं की वजह से आई है। FIR में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी लोकतांत्रिक असंतोष को बढ़ावा देना चाहते हैं। उनके बयान से देश की स्थिरता को खतरा है। शिकायतकर्ता की मांग है कि राहुल गांधी के खिलाफ बीएनएस की धारा 152 के तहत त्वरित कानूनी कार्रवाई हो।