हिंदू धर्म में भगवान गणेश की उपासना प्रथम देवता के रूप में की जाती है। किसी भी मांगलिक कार्य को करते समय भगवान गणेश की उपासना अनिवार्य मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और कार्य में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि भगवान गणेश की उपासना के लिए बुधवार का दिन बहुत ही उत्तम माना गया है।
कहा जाता है कि बुधवार के दिन पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है। हालांकि, भगवान गणेश की उपासना करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि उनकी उपासना करते समय किन-किन चीजों को अर्पित नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं:
तुलसी का पत्ता ना करें इस्तेमाल
शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश की उपासना के समय तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया था और उन्हें स्वीकार न करने की बात कही थी।
केतकी का फूल
भगवान गणेश के पिता, भगवान भोलेनाथ, केतकी के फूल को पसंद नहीं करते हैं। इसी कारण, भगवान गणेश को भी केतकी का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसकी जगह उन्हें सफेद पुष्प, दूर्वा, गेंदे का फूल या लाल फूल अर्पित किए जा सकते हैं।
टूटे हुए अक्षत
भगवान गणेश की उपासना के समय इस बात का ध्यान रखें कि पूजा में टूटे हुए अक्षत का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से सभी देवी-देवता नाराज हो जाते हैं, विशेष रूप से भगवान गणेश। यह भी कहा जाता है कि जो लोग लगातार ऐसा करते हैं, उन्हें भगवान गणेश के क्रोध का सामना करना पड़ता है।
मुरझाए हुए फूल
पूजा-पाठ के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान गणेश को मुरझाए हुए या सूखे फूल या माला अर्पित न करें। ऐसा करने से दरिद्रता बढ़ती है और भगवान गणेश के क्रोध का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही, यह वास्तु दोष का कारण भी बन सकता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।