हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी को बहुत ही पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों में बजरंगबली को भगवान शिव का अवतार कहा गया है और उन्हें अष्ट सिद्धियों के स्वामी के रूप में जाना जाता है। अष्ट सिद्धियां वे आठ असाधारण शक्तियां हैं जो किसी साधक को शरीर और मन की सीमाओं से परे जाकर प्रकृति पर पूर्ण अधिकार प्रदान करती हैं। हनुमान जी ने इन सिद्धियों का उपयोग अपने जीवन के विभिन्न लीलाओं में किया और रामायण में इसका वर्णन विस्तार से किया है। गोस्वामी तुलसीदास हनुमान चालीसा में लिखते हैं 'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता', ऐसे में आइए जानते हैं क्या हैं हनुमान जी की अष्ट सिद्धियां और उनका महत्व? 

हनुमान जी हैं इन अष्ट सिद्धियों के स्वामी 

हनुमान जी की पहली सिद्धि अणिमा है, जिसके माध्यम से वे अपने आकार को परमाणु के समान छोटा कर सकते हैं। इस शक्ति का उपयोग उन्होंने लंका में प्रवेश करते समय किया, ताकि उन्हें कोई देख न सके। दूसरी सिद्धि का नाम महिमा है, इससे वे अपने शरीर को विशाल आकार में परिवर्तित कर सकते हैं। इसी शक्ति का प्रयोग उन्होंने राक्षसों से युद्ध करते समय किया।

 

गरिमा उनकी तीसरी सिद्धि का नाम है, जिससे उनमें अपने शरीर को अत्यधिक भारी बनाने की क्षमता है। इसी के माध्यम से उन्होंने युद्ध में शत्रुओं को परास्त किया और संजीवनी पर्वत को उठाकर लाए। चौथी सिद्धि लघिमा है, जिसके द्वारा वे अपने शरीर को भारहीन कर सकते हैं। इसी शक्ति के बल पर उन्होंने समुद्र लांघा और दूर-दूर तक अपनी यात्रा की।

 

पांचवीं सिद्धि प्राप्ति के नाम से जानी जाती है है, जिससे अपनी इच्छित वस्तु को प्राप्त कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण संजीवनी बूटी को लाने का प्रसंग है। प्राकाम्य छठी सिद्धि है, इससे हनुमान अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। इसी सिद्धि से उन्होंने अपने आकार, रूप और गंतव्य को नियंत्रित किया।

 

सातवीं सिद्धि ईशित्व है, जो उन्हें प्रकृति और तत्वों पर पूर्ण अधिकार देती है। इसी शक्ति के कारण वे दिव्य कार्यों को सहजता से कर पाए। अंत में, वशित्व उनकी आठवीं सिद्धि है, जिसके द्वारा बजरंबली शत्रुओं और दुष्ट शक्तियों को अपने वश में किया।

 

भगवान हनुमान की ये अष्ट सिद्धियाँ उनकी अद्वितीय शक्ति और दिव्यता का प्रमाण हैं। इन सिद्धियों का उपयोग उन्होंने केवल धर्म की रक्षा और भगवान राम की सेवा के लिए किया। उनकी निःस्वार्थ भक्ति और अद्भुत पराक्रम सभी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हनुमान जी ने दिखाया कि सच्ची शक्ति वह है जो दूसरों की भलाई के लिए प्रयोग की जाए। उनकी अष्ट सिद्धियाँ केवल शक्ति का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह भी सिखाती हैं कि शक्ति का सही उपयोग क्या है। भगवान हनुमान का जीवन हमें निस्वार्थता, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता.