आज यानी 13 मार्च को देशभर में होलिका दहन किया जाएगा। 14 मार्च को होली है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
13 मार्च यानी गुरुवार को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक है। भद्रा रात 10 बजकर 38 मिनट पर खत्म हो रहा है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ सहित भारत के कई शहरों में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त यही है लेकिन स्थानीय पंचांग के अनुसार समय थोड़ा अलग हो सकता है।
यह भी पढ़ें: समाज ने कहा 'विधवा', दी प्रताड़ना, वृंदावन में कैसे होती है उनकी होली?
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन असत्य पर सत्य की जीत और नकारात्मकता के अंत का प्रतीक है। इसका उल्लेख भक्त प्रह्लाद और होलिका की पौराणिक कथा से जुड़ा है। इस दिन लोग अपनी बुरी आदतों और नकारात्मकता को आग में अर्पित करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
होलिका दहन के दूसरे दिन होली का रंगोत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर भाईचारे और प्रेम का संदेश देते हैं। खासतौर पर मथुरा, वृंदावन, बरसाना, काशी और राजस्थान में होली का विशेष महत्व होता है।
यह भी पढे़ं: ब्रज की होली के चर्चे तो मशहूर हैं, कनपुरिया होली में क्या खास है?
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत इन शहरों में क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च 2025 को रात्रि 11:26 बजे से 12:30 बजे तक है। यह समय दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ सहित अधिकांश भारतीय शहरों के लिए मान्य है। वहीं, मथुरा में रात 11 बजकर 26 मिनट से देर रात 12 बजकर 28 मिनट तक है। यह शुभ मुहूर्त राजस्थान, आगरा समेत अधिकांश शहरों में सामान्य रहेगा।
होलिका दहन मनाने का तरीका
होलिका की लकड़ी को चौराहे या किसी खुले स्थान पर रखा जाता है। चारों ओर गंगाजल का छिड़काव कर पवित्र किया जाता है। कच्चे सूत को तीन या सात बार लपेटकर होलिका की परिक्रमा की जाती है। पूजा के बाद, होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है और नारियल, गेंहू की बालियां, गन्ना आदि अर्पित किए जाते हैं। परिवार के लोग इस अग्नि की राख को घर लाकर माथे पर लगाते हैं, जिससे सुख-समृद्धि बनी रहती है।