रथ यात्रा, जिसे रथ उत्सव भी कहा जाता है, इस साल 27 जून को मनाया जा रहा है। यह त्योहार न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बहुत मशहूर है, इसलिए कई विदेशी भी इसे देखने आते हैं। इस दिन का खास मकसद होता है लोगों में बराबरी और एकता की भावना बढ़ाना। साथ ही, यह मौका होता है जब लोग भगवान के दर्शन कर उनके आशीर्वाद ले सकते हैं। इस दिन तीन खास देवताओं की पूजा होती है – भगवान बलभद्र (जो भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई हैं), सुभद्रा (उनकी बहन), और खुद भगवान जगन्नाथ। इन तीनों को भव्य रथों में बैठाकर पुरी की सड़कों पर निकाला जाता है ताकि हर कोई उन्हें देख सके और आशीवार्द पा सके।
हर देवता के लिए अलग-अलग रथ होता है – भगवान बलभद्र का रथ 16 पहियों वाला होता है, भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे बड़ा होता है जिसमें 18 पहिए होते हैं, और सुभद्रा के रथ में 14 पहिए होते हैं। जहां से यह यात्रा शुरू होती है, वह है पुरी का जगन्नाथ मंदिर – जिसे भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल की तरह, इस बार भी भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा को देखने के लिए लाखों भक्त पुरी पहुंचेंगे ताकि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथों के दर्शन कर सकें।
रथ यात्रा का कार्यक्रम
यह उत्सव कुल 9 दिन तक चलता है जो आज यानी 27 जून से शुरू हो चुका है। इसका समापन 5 जुलाई को नीलाद्रि बिजय के दिन होता है। नीलाद्रि बिजय का मतलब होता है जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा वापस अपने मंदिर लौटते हैं। हर साल की तरह, इस बार भी देश-विदेश से हजारों लोग इस भक्ति और आस्था के अद्भुत उत्सव में शामिल होने पुरी पहुंचेंगे।
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पुरी, ओडिशा में सबसे बड़ी रथ यात्रा
ओडिशा के पुरी में हर साल दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। 27 जून की सुबह 6 बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती से दिन की शुरुआत हुई। इसके बाद भगवान का शृंगार किया गया और उन्हें खिचड़ी का भोग लगाया गया। पूजा-पाठ की बाकी परंपराएं पूरी होने के बाद सुबह करीब 9:30 बजे भगवान को मंदिर से बाहर लाने की तैयारी की गई।
तीनों रथों की पूजा के बाद सबसे पहले भगवान बलभद्र, फिर बहन सुभद्रा और फिर भगवान जगन्नाथ को उनके-अपने रथों में बैठाया जाएगा। दोपहर करीब 3 बजे पुरी के राजा गजपति महाराज दिव्य सिंह देव सोने की झाड़ू से रास्ता साफ करेंगे। इसके बाद रथ यात्रा की शुरुआत होती है। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर जाएंगे, जिसे उनकी मौसी का घर माना जाता है।
पुरी रथ यात्रा 2025 के लिए चल रही स्पेशल ट्रेनें
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने बताया है कि इस बार त्योहार के समय पुरी से कुल 365 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो सामान्य ट्रेनों के अलावा होंगी। इन स्पेशल ट्रेनों को ओडिशा के कई शहरों से चलाया जाएगा जैसे राउरकेला, बीरमित्रपुर, बांगिरिपोसी, जूनागढ़ रोड, बादामपहाड़, बौध, जगदलपुर, बालेश्वर, अंगुल, गुनुपुर, रायगढ़ा और कई अन्य जगहों से।
रथ यात्रा के खास दिनों में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, छत्तीसगढ़ के गोंदिया और पश्चिम बंगाल के संतरागाछी के लिए भी स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। रेलवे का कहना है कि इन ट्रेनों से न सिर्फ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने में मदद मिलेगी, बल्कि दूर-दराज के इलाकों के लोगों को भी आसानी से यात्रा करने का मौका मिलेगा।
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15 लाख लोग होंगे शामिल
पहले और दूसरे दिन रथ यात्रा में करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसको ध्यान में रखते हुए डीजीपी खुरानिया ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सभी के सुचारु दर्शन के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और रथ यात्रा की ड्यूटी में अनुभवी पुलिस अफसरों को लगाया गया है।
खुफिया विभाग के निदेशक आर.पी. कोचे ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन में आता है, इसलिए रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा और भी ज्यादा अहम हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि श्री गुंडिचा मंदिर और तीनों रथों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। वहीं, एडीजी (आधुनिकीकरण) सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि भारी भीड़ को संभालने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए हैं। एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने कहा कि रथ यात्रा को सफल और व्यवस्थित बनाने के लिए पुलिसकर्मियों का पूरा सहयोग जरूरी है।
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सुरक्षा व्यवस्था के क्या है इंतजाम?
रथ यात्रा के मौके पर इस बार सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें ओडिशा पुलिस के जवानों के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आठ कंपनियां भी शामिल हैं। इस बार की रथ यात्रा पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हो रही है, इसलिए सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं की गई है।
ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया ने बताया कि पहली बार पुरी में एक 'इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल रूम' बनाया गया है, जहां से पूरे शहर की निगरानी होगी। पुरी शहर, उत्तरा चक और कोणार्क के रास्तों पर 275 से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनसे हर वक्त लाइव वीडियो देखा जाएगा ताकि किसी भी संदिग्ध हरकत पर तुरंत एक्शन लिया जा सके।
खुरानिया ने बताया कि AI कैमरे ट्रैफिक, भीड़ और दूसरी हलचलों पर नजर रखेंगे और जरूरत पड़ने पर सुरक्षाकर्मियों को तुरंत अलर्ट करेंगे। इसके अलावा कुछ अहम जगहों पर छोटे-छोटे कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत फैसला लिया जा सके।