महाकुंभ 2025 में द्वितीय महा अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या एवं तृतीय अमृत स्नान पर्व बसंत पंचमी के लिए प्रयागराज मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ने लगी है। आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु स्नानार्थी और पर्यटक महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन के लिए लागू ट्रैफिक प्लान को अच्छी तरह से समझ लें वरना आपको इधर उधर भटकना ही नहीं कई किलोमीटर अतिरिक्त रूप से पैदल चलना पड़ सकता है। गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगने की स्थिति में 

 

बता दें कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में अगर आप अपने निजी वाहन या किराए के सवारी वाहन से वाया रोड आ रहे हैं तो यातायात डायवर्जन और पार्किंग की व्यवस्था अलग-अलग दिशा से आने वालों के लिए अलग-अलग जगह पर की गई है। यह ट्रैफिक प्लान पूर्व में जारी ट्रैफिक प्लान से भिन्न भी हो सकता है।

गाड़ियों की एंट्री पर बैन

मेला प्रशासन द्वारा बताया गया कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में 5 फरवरी 2025 को 08.00 बजे तक अथवा भीड़ समाप्ति तक महाकुम्भ मेला क्षेत्र में प्रशासनिक और चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन निर्धारित 'पार्किंग' स्थलों पर खड़ा कर सकेंगे।

 

जौनपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को क्रम चीनी मिल पार्किंग, पूरे सूरदास पार्किंग गारापुर रोड, समयामाई मंदिर कछार पार्किंग, बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्ग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कर सकते है। इसके आगे श्रद्धालु वाहन सहित नहीं जा पाएंगे। पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड जीटी मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।

 

वहीं वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन को महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग-अखाड़ा पार्किंग, सरस्वती पार्किंग झूसी रेलवे स्टेशन, नागेश्वर मंदिर पार्किंग, ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग, शिव मंदिर उस्तापुर महमूदाबाद पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल छतनाग मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

 

कहां होगी पार्किंग?

 

मिर्जापुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनो को देवरख उपरहार पार्किंग उत्तरी या दक्षिणी में, टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ,मवईया और देवरख में ,ओमेंक्स सिटी पार्किंग ,गजिया पार्किंग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। मिर्जापुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालु वाहन पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल अरैल बांध रोड से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

 

रीवा-बांदा-चित्रकूट की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को नवप्रयागम पार्किंग पूर्वी,पश्चिमी और विस्तार में ,एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग यमुना पट्टी ,महेवा पूरब/पश्चिम पार्किंग,मीरखपुर कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड रीवा मार्ग व न्यू रीवा मार्ग होकर श्रद्धालु अरैल बाँध से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

 

कानपुर-कौशांबी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर 17 पार्किंग ,इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान,पार्किंग दधिकांदो मैदान में पार्क कराया जाएगा। कानपुर-कौशाम्बी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल जीटी जवाहर चौराहा होते हुए काली मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

 

 लखनऊ-प्रतापढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को,गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग,नागवासुकी पार्किंग ,बक्शी बाँध कछार पार्किंग ,बड़ा बागड़ा पार्किंग,आईईआरटी पार्किंग उत्तरी और दक्षिणी पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु वाहन पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल नागवासुकी की मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

 

अयोध्या से आने वाले किधर जाएंगे?

 

अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को शिव बाबा पार्किंग में पार्क कराया जाएगा अयोध्या-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु पार्किंग में अपने वाहन को खड़ा करके संगम लोवर मार्ग से पैदल मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। मेला क्षेत्र में पैदल आगमन करने वाले स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं पर्यटकों के लिए भी मार्ग निर्धारित है।

 

संगम आने का पैदल मार्ग- संगम आने वाले श्रद्धालु स्नानार्थी जी०टी० जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे।

और संगम से वापसी का पैदल मार्ग के लिए संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इण्टर लाकिंग वापसी मार्ग त्रिवेणी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य को वापस जा सकेंगे। श्रद्धालु और स्नानार्थी स्पष्ट जान ले कि संगम मेला क्षेत्र में जाने हेतु प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क से एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है। वहीं प्रमुख स्नान पर्व के दिनों में अक्षयवट दर्शन के लिए बन्द रहेगा। उधर जाने से बचें।

 

बता दें कि महाकुंभ 2025 में 27जनवरी 2025 सुबह 10 बजे तक 10 लाख से कल्पवासियों के साथ ही कुल 53.29 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। वहीं 26 जनवरी 2025 तक कुल स्नान 13.21 करोड़ से अधिक हो चुका है।