वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 16 नवंबर 2024, शनिवार से मार्गशीर्ष महीना शुरू हो चुका है। बता दें कि जब पूर्णिमा तिथि मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, तब इस महीने का आरंभ होता है। यह महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी माह में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यही कारण है की मार्गशीर्ष महीने में गीता का पाठ और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं, क्या है मार्गशीर्ष महीने का महत्व और इस दौरान किन-किन कार्यों को करना चाहिए?

क्या है मार्गशीर्ष महीने का महत्व?

भगवान श्री कृष्ण ने गीता के दसवें अध्याय के 35वें शोक में मार्गशीर्ष महीने के महत्व को विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा है कि ‘मैं महीना में मार्गशीर्ष महीने के समान हूं’, यही कारण है कि इस माह में भगवान श्री कृष्ण की उपासना और गीता का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

मार्गशीर्ष मास में जरूर करें ये कार्य

हिंदू धर्म-ग्रंथों में मार्गशीर्ष महीने के महत्व के विषय में यह बताया गया है कि इस माह में सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इस माह में कम से कम एक बार यमुना नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। ऐसा यदि संभव न हो तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। स्नान के दौरान ॐ नमो भगवते नारायणाय’ इस मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि पवित्र स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

 

साथ ही मार्गशीर्ष महीने में ठंड का प्रभाव बढ़ने लगता है और शीतलहर शुरू हो जाती है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, कंबल, भोजन, धन इत्यादि का दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि इस कर्म से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। साथ ही इससे कई प्रकार के ग्रह दोष भी दूर रहते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के पौधे की नियमित सेवा करें, ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर हो जाता है।