हिंदू धर्म में नरसिंह द्वादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है। यह व्रत होलिका दहन से तीन दिन पूर्व रखा जाता है और भगवान नरसिंह की उपासना का विधान है। पौराणिक धर्म-शास्त्रों में भगवान नरसिंह को श्री हरि विष्णु का अवतार माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि नरसिंह द्वादशी 2025 में कब है और इससे जुड़ी मान्यताएं क्या हैं।

नरसिंह द्वादशी 2025 की तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का प्रारंभ 10 मार्च 2025 को सुबह 7:44 बजे होगा और इसका समापन 11 मार्च 2025 को सुबह 8:13 बजे होगा। ऐसे में नरसिंह द्वादशी व्रत 10 मार्च 2025, सोमवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे।

नरसिंह द्वादशी पूजा विधि

  • शास्त्रों के अनुसार, नरसिंह द्वादशी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इस दिन पीले वस्त्र पहनने से पूजा का फल अधिक प्राप्त होता है।
  • घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में बैठकर भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित करें।
  • विधिपूर्वक धूप, दीप, नारियल, अक्षत, पीतांबर, चंदन, फल और फूल अर्पित करें।
  • भगवान नरसिंह की स्तुति करें और मंत्रों का पाठ करें।
  • पूजा के अंत में भगवान नरसिंह की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

नरसिंह द्वादशी से जुड़ी मान्यताएं

  • धर्मशास्त्रों के अनुसार, भगवान नरसिंह ने भक्त प्रह्लाद को उनके पिता अत्याचारी राजा हिरण्यकश्यप से बचाया था। इसी दिन भगवान विष्णु ने खंभे को चीरकर नरसिंह रूप में अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध किया।
  • भगवान नरसिंह को भगवान विष्णु का रुद्र अवतार माना जाता है। मान्यता है कि उनकी उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • इस विशेष दिन पर भगवान नरसिंह की कथा और मंत्रों का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।