हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की उपासना के लिए एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि चैत्र महीने में पापमोचिनी एकादशी व्रत रखा जाता और यह व्रत इस साल 25 व 26 मार्च के दिन रखा जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, 25 मार्च के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है।

 

शिव योग हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण और शुभ योग माना जाता है, जो विशेष अवसरों पर बनता है। यह योग भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष समय होता है, जिसमें पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष लाभ मिलते हैं। आइए, शिव योग के निर्माण, महत्व और इस मुहूर्त में पूजा-पाठ के लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 

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शिव योग का निर्माण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिव योग तब बनता है जब किसी भी तिथि पर सोमवार का दिन पड़ता है, जिसे 'सोमवार शिव योग' कहा जाता है। इसके अलावा, कुछ विशेष नक्षत्रों के साथ तिथियों के संयोग से भी शिव योग का निर्माण होता है। उदाहरण के लिए, महाशिवरात्रि के दिन यदि श्रवण नक्षत्र का संयोग हो, तो यह शिव योग का निर्माण करता है।

शिव योग का महत्व

शिव योग को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इस योग में किए गए धार्मिक कार्य, जैसे व्रत, पूजा, जप, तप, दान आदि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस समय भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और उन्हें विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। शिव योग में किए गए कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

 

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शिव योग में पूजा-पाठ के लाभ

  • मनोकामना पूर्ण होना: शिव योग में भगवान शिव अथवा अन्य देवी-देवताओं की उपासना करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें जीवन में सफलता मिलती है।
  • पापों का नाश: मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा-पाठ से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप नष्ट होते हैं, और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: शास्त्रों में बताया गया है कि शिव योग में भगवान शिव की आराधना करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति निरोगी रहता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इस योग में पूजा-पाठ करने से घर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, शिव योग में साधना करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।