हिन्दू धर्म में शनिवार दिन का अपना एक विशेष महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि शनिवार का दिन शनि देव के साथ विशेष रूप से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन शनि देव की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिष शास्त्र और धर्म-ग्रंथों में शनि देव को न्याय के देवता और कर्मफलदाता के रूप में वर्णित किया गया है। 

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो लोग अच्छे कर्म करता है उनपर शनि देव की विशेष कृपा होती है और जो बुरे कर्मों में लिप्त रहता है, उन्हें शनि देव के क्रोध का सामना करना पड़ता है। उनकी कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख मिलता है। कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति के अनुसार व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। वह यदि कुंडली में नीच स्थान पर हैं तो जीवन में कठिनाइयां और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

शनिवार के दिन क्या करें?

शनिवार का दिन विशेष रूप से शनि देव की पूजा के लिए निर्धारित है, क्योंकि इस दिन शनि देव का प्रभाव अधिकतम होता है। इस दिन व्रत और उपवास रखकर, लोग शनि देव की पूजा करते हैं और उनसे अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि का अशुभ प्रभाव रहता है ग्रह शांति के लिए पूजा करते हैं।

 

ज्योतिष विद्वान यह भी बताते हैं कि इस दिन, जरूरतमंदों को काले तिल, नमक, तेल, और जूते-चप्पल का दान करना चाहिए, जिससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष दूर होते हैं। इसके साथ इस दिन शनि देव देव की उपासना के साथ हनुमान जी को उपासना को भी बहुत ही फलदायक माना जाता है।

शनिवार के दिन क्या ना करें?

शनि देव को सत्यप्रिय देवता कहा जाता है। कोई व्यक्ति झूठ बोलता है या दूसरों को धोखा देता है, तो शनि उनसे नाराज हो सकते हैं और इसके कारण व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं। इसके साथ शनि कर्मों के अनुसार परिणाम देते हैं हैं। इसलिए किसी से भी झगड़ा या विवाद नहीं करना चाहिए व किसी के भी प्रति अपशब्द नहीं कहना चाहिए। इससे शनि देव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता.