हिन्दू धर्म में देवी शीतला की उपासना के लिए शीतला अष्टमी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि यह व्रत हर साल चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतला अष्टमी व्रत का पालन किया जाता है।

 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। हालांकि, इस विशेष दिन पर कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, मान्यता है कि इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

 

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शीतला अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष शीतला अष्टमी व्रत 22 मार्च 2025, शनिवार के दिन रखा जाएगा और इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस विशेष दिन पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त को दान-पुण्य के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

शीतला अष्टमी पर क्या करें और क्या नहीं

क्या करें

शीतला अष्टमी से एक दिन पहले यानी सप्तमी को ही भोजन पकाया जाता है। अष्टमी के दिन माता शीतला को ठंडा भोजन (बासी) भोग में अर्पित किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनते हैं और माता शीतला की पूजा करते हैं। ठंडा भोजन जैसे पूड़ी, चावल, सब्जी, हलवा आदि माता को चढ़ाकर प्रसाद के रूप में सेवन किया जाता है।

 

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क्या न करें

इस दिन चूल्हा जलाना वर्जित होता है, इसलिए बासी भोजन ही खाया जाता है। शीतला माता स्वच्छता की प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए साफ-सफाई रखना आवश्यक होता है। साथ ही इस विशेष दिन मांस-मदिरा इत्यादि का सेवन वर्जित है, इससे पूजा का फल नष्ट हो जाता है। साथ ही इस दिन बिना प्याज-लहसुन से बने सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।