दिल्ली क्रिकेट महकमे में पिछले 2 सप्ताह से अर्पित राणा सुर्खियों में हैं। उन्हें राजधानी का अगला क्रिकेट सनसनी माना जा रहा है। दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) 2025 में अपने कमाल के प्रदर्शन से अर्पित लोगों की जुबान पर छाए हुए हैं। बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने DPL 2025 में अब तक 7 मैचों में 400 से ज्यादा रन जड़ दिए हैं। वह रन बनाने के मामले में सबसे आगे चल रहे हैं। उनसे अनुज रावत, प्रियांश आर्य और यश धुल जैसे सितारे भी पीछे हैं।

 

ईस्ट दिल्ली राइडर्स की टीम में शामिल अर्पित ने पिछले 5 मैचों में 5 अर्धशतकीय पारियां खेली हैं। उनके बल्ले से बरस रहे रन को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियांश आर्य, दिग्वेश राठी और वंश बेदी की तरह वह भी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजियों का ध्यान खींचने में सफल रहेंगे। प्रियांश, दिग्वेश और वंश बेदी ने पिछले साल DPL में शानदार प्रदर्शन की बदौलत IPL का टिकट हासिल किया था। 

 

अर्पित ने बताया कि वह बहुत आगे का नहीं देख रहे। हालांकि उन्होंने उम्मीदें जरूर लगाई हैं कि वह IPL 2026 के लिए होने वाले ऑक्शन में चुने जाएंगे। 21 साल के इस उभरते सितारे ने खबरगांव से कहा, 'बहुत आगे का नहीं देख रहा हूं। उम्मीदें तो हैं। क्या पता कुछ अच्छा हो जाए। कोई टीम इंटरेस्टेड हो और ऑक्शन में खरीद ले तो मेरे लिए और मेरी फैमिली के लिए बहुत अच्छा होगा। सबसे ज्यादा मेरे सभी कोचों के लिए गर्व की बात होगी।'

 

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DPL 2025 अर्पित राणा के आंकड़े:

 

मैच 7
रन 428
बेस्ट 87
औसत  71.33
स्ट्राइक रेट 153.96
अर्धशतक 5

'रन बनाऊंगा तो IPL स्काउट्स मेरे बारे में बात करेंगे'

घरेलू क्रिकेट के अलावा अब स्टेट टी20 लीग के दौरान भी IPL टीमों के स्काउट्स एक्टिव रहते हैं। वे खिलाड़ियों की पहचान कर मैनेजमेंट को बताते हैं, जिसके बाद ऑक्शन टेबल पर फैसला लिया जाता है। अर्पित से जब पूछा गया कि IPL स्काउट्स भी DPL के मैच देख रहे होंगे, इसका कोई दबाव रहता है? उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'अगर मैं रन बनाऊंगा तो स्काउट्स मेरे बारे में बात करेंगे ही कि ये लड़का कौन है, जो रन बना रहा है। मेरा टारगेट टीम के लिए रन बनाना है। स्काउट्स को प्रभावित करने जाऊंगा तो शायद उतनी अच्छी बैटिंग नहीं कर पाऊं।'

 

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मुंबई इंडियंस के लिए खेलना चाहते हैं अर्पित

हर युवा खिलाड़ी की तरह अर्पित का भी सपना है कि वह किसी भी IPL टीम से जुड़ जाएं। यह पूछने पर कि आप किस टीम के से खेलना चाहेंगे, इस पर उन्होंने कहा, 'मुंबई इंडियंस।' अर्पित ने इसी साल जनवरी में मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या के सामने अपना हुनर दिखाया था। विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान दिल्ली के लिए खेलते हुए उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ 75 रन जड़े थे। हार्दिक उस मुकाबले में बड़ौदा की टीम में थे। अर्पित ने यह बेहतरीन पारी उस पिच पर खेली थी, जहां दिल्ली का दूसरा कोई बल्लेबाज 30 रन से आगे नहीं बढ़ पाया था। हार्दिक की गेंदबाजी पर उन्होंने खूबसूरत चौके भी लगाए थे।

 

पापा ने पहले ही कह दिया था कि तुम बस मेहनत करो। बाकी हम खड़े हैं।

-अर्पित राणा

8 साल की उम्र में थाम लिया था बल्ला

दिल्ली के लिए 4 फर्स्ट क्लास और 2 लिस्ट ए मैच खेल चुके अर्पित ने 8 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने जनकपुरी में प्रदीप कोचर से शुरुआती ट्रेनिंग ली। 12 साल की उम्र में उनका दाखिला द्वारका के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में हो गया। यहां अर्पित ने राजेश नागर से क्रिकेट की बारीकियों को सीखा। अर्पित अब तक की अपनी जर्नी का पूरा श्रेय इन दोनों कोचों प्रदीप कोचर और राजेश नागर को देते हैं। उनका कहना है कि आज वह जहां भी हैं, इन्हीं की वजह से हैं।

घर से मिला पूरा सपोर्ट 

अर्पित ने बताया कि क्रिकेट के लिए उनके घरवालों ने कभी मना नहीं किया। अर्पित कहते हैं कि जब तक वह 18 साल के नहीं हुए, उनके साथ उनके पापा हर जगह जाते थे। अर्पित दो भाई-बहन हैं। बहन उनसे बड़ी हैं। अर्पित के पिता का प्रॉपर्टी का बिजनेस है। वहीं उनकी मां हाउस वाइफ हैं। घर से मिले सपोर्ट पर अर्पित बताते हैं, 'मेरे पापा ने पहले ही कह दिया था कि तुम्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी। तुम क्रिकेट में मेहनत करो। बाकी हम खड़े हैं। पापा हर जगह मेरे साथ जाते थे। मम्मी-पापा का पूरा सपोर्ट मिला है। मम्मी कभी मुझे बाहर का खाना नहीं खाने देती थीं। मैं कभी बाहर जाता तो वह घर से टिफिन पैक कर के देती थीं।'

 

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अनुज रावत के साथ अर्पित राणा (हेलमेंट में) Photo Credit: DPL Media

मैच फिनिश करने पर है ध्यान

अर्पित टारगेट का पीछा करते हुए दो बार 75 प्लस रन की पारियां खेलने के बाद अहम समय पर आउट हुए हैं। ईस्ट दिल्ली राइडर्स ने भले ही इन मैचों में जीत दर्ज की है लेकिन उनके मन में मैच फिनिश ना करने की कसक है। अर्पित ने कहा, 'मैं मैच खत्म करके नहीं आ पा रहा हूं। यह ऐसा डिपार्टमेंट हैं, जिसमें मैं सुधार करना चाहता हूं।'