भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आगामी घरेलू सीजन में सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम लागू करने का फैसला किया है। यह नियम इसलिए लाया गया है, ताकि गंभीर रूप चोटिल खिलाड़ियों को मैच में और अधिक जोखिम में डालने से बचा जा सके। BCCI का नया नियम मल्टी-डे मैचों में लागू होगा। यानी वे मैच जो एक से ज्यादा दिन तक चलते हैं। इस नियम के तहत गंभीर रूप से चोटिल खिलाड़ी को अब रिप्लेस किया जा सकता है।
नियम का कैसे होगा इस्तेमाल?
अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को उतारा जा सकता है। इसके लिए मैच रेफरी की इजाजत लेनी होगी। टीमों को खिलाड़ी की चोट का मेडिकल रिपोर्ट मैच रेफरी को देना होगा। उस मेडिकल रिपोर्ट में चोट की गंभीरता का जिक्र होना चाहिए, जिसके बाद मैच रेफरी फैसला लेगा कि रिप्लेसमेंट प्लेयर दिया जाएगा या नहीं। मैच के दौरान लगी बाहरी चोट के लिए ही रिप्लेसमेंट मिलेगा। अगर किसी खिलाड़ी को गहरा कट लगता है या फ्रैक्चर होता है तो उसे रिप्लेस किया जा सकेगा। वहीं अंदरूनी चोट जैसे - हैमस्ट्रिंग और साइड स्ट्रेन के लिए रिप्लेसमेंट की इजाजत नहीं है।
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लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट ही मान्य
टॉस के समय टीमों को सबस्टिट्यूट प्लेयर्स की लिस्ट देनी होगी। जरूरत पड़ी तो इसी लिस्ट में से रिप्लेसमेंट प्लेयर को चुना जाएगा। रिप्लेसमेंट प्लेयर लाइक टू लाइक ही मान्य है। यानी बल्लेबाज को गंभीर चोट लगती है तो उसकी जगह बल्लेबाज ही ले सकता है। अगर विकेटकीपर चोटिल होता है और सबस्टिट्यूट प्लेयर्स की लिस्ट में कोई विकेटकीपर नहीं है तो मैच रेफरी सबस्टिट्यूट प्लेयर्स की लिस्ट से बाहर से भी विकेटकीपर को खिलाने की अनुमति दे सकता है। यानी स्क्वॉड में शामिल विकेटकीपर को रिप्लेसमेंट प्लेयर के रूप में उतरने का मौका मिल सकता है।
कैसे हो सकता है विवाद?
इंटरनेशनल क्रिकेट में कन्कशन सबस्टिट्यूट का नियम है। इस नियम के तहत खिलाड़ी के सिर में चोट लगने के बाद लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट की अनुमति है। कन्कशन सबस्टिट्यूट कई बार विवादों में भी रहा है। हालिया समय में शिवम दुबे के कन्कशन सबस्टिट्यूट के रूप में हर्षित राणा को उतारने के बाद बवाल मच गया था। भारत और इंग्लैंड के बीच इस साल की शुरुआत में खेले गए 5 मैचों की टी20 सीरीज के चौथे मुकाबले में बल्लेबाजी के दौरान शिवम दुबे के हेलमेट पर गेंद लग गई थी।
भारतीय टीम जब फील्डिंग करने आई तो शिवम दुबे के कन्कशन सबस्टिट्यूट के तौर पर हर्षित राणा को उतारा गया। हर्षित ने 3 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद इंग्लैंड के खेमे से इस फैसले की काफी आलोचना की गई थी। उनका मानना था कि शिवम दुबे एक बल्लेबाज हैं, जो थोड़ी बहुत गेंदबाजी करते हैं। ऐसे में उनके कन्कशन सबस्टिट्यू के रूप में स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज हर्षित राणा को कैसे खिलाया जा सकता है?
BCCI का सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम काफी हद तक कन्कशन सबस्टिट्यूट नियम से मिलता-जुलता है। भारतीय बोर्ड के नियम तहत लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट को लेकर घरेलू क्रिकेट में भी विवाद देखने को मिल सकता है।
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वर्ल्ड क्रिकेट की क्या है राय?
इंटरनेशनल क्रिकेट में सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम को लागू करने के लेकर दिग्गजों की अलग-अलग राय है। भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेली गई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान इस पर खूब बहस हुई थी। ऋषभ पंत सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में टूटे पैर के साथ बल्लेबाजी करने उतरे थे। टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने पंत की चोट के बाद कहा था कि वह सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम लागू होने के पक्ष में हैं। गंभीर ने कहा था, 'अगर अंपायर और मैच रेफरी को लगे कि चोट सीरियस है, तो सब्स्टीट्यूट देना बहुत जरूरी है।'

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांचवें टेस्ट मैच में इंग्लिश तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स को कंधे में गंभीर चोट लग गई थी, जिसके चलते वह मुकाबले से बाहर हो गए थे। वोक्स के चोटिल होने के बाद फिर से सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट पर बहस छिड़ गई। हालांकि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इसके पक्ष में नहीं दिखे। वोक्स का कंधा चोटिल होने के बाद स्टोक्स ने सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट पर कहा था, 'यह बिल्कुल मजाक है। मैं कन्कशन रिप्लेसमेंट समझता हूं, क्योंकि उसमें प्लेयर की सुरक्षा की बात है लेकिन इंजरी रिप्लेसमेंट पर बात बंद होनी चाहिए।'

ICC अभी ट्रायल कर रहा
इंटरनेशलन क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने कुछ ही महीनों पहले अपने प्लेइंग कंडीशन्स का रिव्यू किया था। ICC ने सभी बोर्ड्स से कहा था कि वे अपने घरेलू फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम का ट्रायल करें। क्रिकेट की वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी ने इंजरी रिप्लेसमेंट के आइडिया को स्वीकार कर लिया है लेकिन वह इसे लागू करेगी या नहीं, इसका फैसला ट्रायल के बाद ही ले पाएगी।