इमर्जिंग देशों में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए शुरू की गई चैंपियंस ट्ऱॉफी का सफर बांग्लादेश से केन्या पहुंचा। यानी टूर्नामेंट का दूसरा एडिशन साल 2000 में इसी अफ्रीकी देश में खेला गया। विल्स इंटरेशनल कप से इसका नाम बदलकर ICC नॉकआउट रखा गया। पहले संस्करण (1998) में मेजबान होने के बावजूद बांग्लादेश को खेलने की अनुमति नहीं मिली थी लेकिन इस बार केन्या और बांग्लादेश दोनों को टूर्नामेंट में शामिल किया गया। उद्घाटन मैच केन्या और भारत के बीच खेला गया जिसमें टीम इंडिया ने 8 विकेट से जीत दर्ज की। सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने धांसू प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया लेकिन न्यूजीलैंड ने उसके चैंपियन बनने के ख्वाब को तोड़ दिया। 

 

टूर्नामेंट का ऐसा था फॉर्मेट

 

नाम के अनुरूप टूर्नामेंट नॉकआउट फॉर्मेट में खेला गया था। भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड ने अपने-अपने प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतकर अगले राउंड के लिए क्वालिफाई किया। पहला क्वार्टर फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया। टीम इंडिया ने इस मुकाबले में स्टीव वॉ की कप्तानी वाली टीम को 20 रन से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और डिफेंडिंग चैंपियन साउथ अफ्रीका की टीमें भी अंतिम-4 में पहुंचीं। 

 

पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को हराकर खिताबी मुकाबले का टिकट कटाया। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका की चुनौती को ध्वस्त कर फाइनल में प्रवेश किया।

 

कीवी टीम ने पहली बार जीती आईसीसी ट्रॉफी 

 

15 अक्टूबर को केन्या की राजधानी नैरोबी में स्थित जिमखाना क्लब ग्राउंड में खेले गए फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने टॉस जीतकर भारत को पहले बैटिंग करने के लिए आमंत्रित किया। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट खो कर 264 रन बनाए। सौरव गांगुली ने 130 गेंद में 9 चौके और 4 छक्कों की मदद से 117 रन की पारी खेली। सचिन तेंदुलकर के बल्ले से 69 रन निकले। गांगुली-सचिन के बीच 26.3 ओवर में 141 रन की ओपनिंग साझेदारी हुई। इसके बाद कोई दूसरा बल्लेबाज नहीं चल सका, जिससे भारतीय टीम विशाल स्कोर खड़ा कर पाने में विफल रही। हालांकि फाइनल के दबाव को देखते हुए यह अच्छा टोटल माना जा रहा था।

 

265 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम को वेंकटेश प्रसाद ने दूसरे ही ओवर में झटका दे दिया। उन्होंने क्रेग स्पीयरमैन (3) को युवराज सिंह के हाथों लपवाया। इसके बाद वेंकटेश प्रसाद ने छठे ओवर में फ्लेमिंग (5) का बड़ा विकेट चटकाया। लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अपनी फिरकी का कमाल दिखाते हुए नाथन एस्टल (37) और रोजर त्वोसे (31) को पवेलियन भेज कीवी टीम का स्कोर 109/4 कर दिया। 132 रन तक पहुंचते-पहुंचते न्यूजीलैंड की आधी पारी सिमट गई। भारतीय टीम खिताबी मुकाबले पर शिकंजा कस चुकी थी। हालांकि इसके बाद क्रिस केयर्न्स ने पूरी बाजी पलट दी। इस दिग्गज ऑलराउंडर ने 113 गेंद में नाबाद 102 रन की जाबांज पारी खेल न्यूजीलैंड को पहली आईसीसी ट्रॉफी दिला दी।

 

 

केयर्न्स को धाकड़ हरफनमौला क्रिस हैरिस का भरपूर साथ मिला। हैरिस ने सातवें नंबर पर आकर 46 रन बनाए। केयर्न्स और हैरिस के बीच छठे विकेट के लिए हुई 122 रन की अहम पार्टनरशिप की बदौलत न्यूजीलैंड ने दो गेंद शेष रहते टारगेट हासिल कर लिया।

 

आईसीसी ने जमकर छापे पैसे

 

चैंपियंस ट्रॉफी शुरू करने का दूसरा उद्देश्य पैसा बनाना था। केन्या में खेले गए टूर्नामेंट के दूसरे संस्करण से आईसीसी को 13 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। हालांकि मैदान दर्शकों से खाली रहे। भारत-केन्या मैच को देखने 4000 दर्शक आए थे। इसके अलावा बाकी मैचों में दर्शकों की संख्या कुछ खास नहीं रही।

 

दूसरे एडिशन में इन टीमों ने लिया हिस्सा

  • न्यूजीलैंड
  • भारत
  • केन्या
  • साउथ अफ्रीका
  • वेस्टइंडीज
  • श्रीलंका
  • ऑस्ट्रेलिया
  • इंग्लैंड
  • पाकिस्तान
  • जिम्बाब्वे
  • बांग्लादेश