विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) 2026 के लिए 27 नवंबर को हुए प्लेयर ऑक्शन में 67 खिलाड़ियों की बोली लगी, जिनमें भारतीय टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (3.2 करोड़ रुपये) सबसे महंगी रहीं। दीप्ति को यूपी वॉरियर्स ने राइट टू मैच (RTM) कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी टीम में फिर से शामिल कर लिया। न्यूजीलैंड की अमेलिया कर (3 करोड़), शिखा पांडे (2.4 करोड़) और सोफी डिवाइन (2 करोड़) पर भी छप्पर फाड़ पैसों की बरसात हुई। इन बड़ी बोलियों के बीच सिर्फ 10 लाख रुपये में दिल्ली कैपिटल्स में शामिल हुईं दिव्या यादव सुर्खियों में हैं।
हरियाणा की आक्रामक बल्लेबाज दिव्या की उम्र महज 16 साल है। वह WPL कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। दिव्या भारतीय टीम की विस्फोटक सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा को अपना रोल मॉडल मानती हैं। दिव्या, शेफाली के साथ 3 साल तक हरियाणा के लिए खेल चुकी हैं। अब वह शेफाली संग दिल्ली कैपिटल्स का ड्रेसिंग रूम शेयर करेंगी। वह शेफाली के अलावा महेंद्र सिंह धोनी की भी बड़ी फैन हैं।
यह भी पढ़ें: WPL 2026 ऑक्शन में शिखा पांडे पर क्यों लगी 2.4 करोड़ रुपये की बोली?
वनडे क्रिकेट में जड़ चुकी हैं दोहरा शतक
दिव्या दो साल पहले वनडे क्रिकेट में डबल सेंचुरी जड़कर चर्चा में आई थीं। उन्होंने अंडर-19 महिला वनडे कप में त्रिपुरा के खिलाफ महज 125 गेंद में 213 रन जड़ दिए थे। दिव्या इस दोहरा शतक को अपने करियर में टर्निंग पॉइंट मानती हैं। एज-ग्रुप क्रिकेट में धमाल मचाने के बाद दिव्या ने इस साल सीनियर विमेंस टी20 ट्रॉफी में हरियाणा के लिए कमाल का प्रदर्शन किया था।
शेफाली सीनियर विमेंस टी20 ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज रही थीं। वहीं दिव्या हरियाणा के लिए दूसरी सबसे ज्यादा रन बटोरने वाली बल्लेबाज रहीं। उन्होंने 9 मैचों में 298 रन ठोके थे। इसके बाद सीनियर इंटर जोलन टी20 टूर्नामेंट में भी दिव्या का बल्ला बोला। उन्होंने नॉर्थ जोन के लिए खेलते हुए 6 मैचों में 149.50 के बेजोड़ स्ट्राइक रेट से 151 रन बनाए थे।
यह भी पढ़ें: WPL ऑक्शन में वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ियों को कितने पैसे मिले?
घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रभावित करने के बाद उन पर दिल्ली कैपिटल्स के स्काउट्स की नजर पड़ी और अब फ्रेंचाइजी ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया है। दिल्ली कैपिटल्स के CEO सुनील गुप्ता का कहना है कि हम दीया को अंडर-15 क्रिकेट से ही ट्रैक कर रहे थे। इस साल सीनियर विमेंस टी20 ट्रॉफी में उन पर फोकस रहा और हम बहुत प्रभावित हुए। उनकी शॉट्स की रेंज, गेंद को हिट करने की क्षमता और निडर अप्रोच को देखते हुए उन्हें ऑक्शन में पिक किया गया है।
6 साल की उम्र में थाम लिया था बल्ला
दिव्या का जन्म गुरुग्राम में हुआ था। हालांकि अपने माता-पिता के IT सेक्टर की जॉब के चलते उन्होंने पुणे में शुरुआती क्रिकेट की बारीकियां सीखी। दिव्या के पिता राकेश यादव दिल्ली के अंडर-19 खिलाड़ी रह चुके हैं। राकेश कॉर्पोरेट क्रिकेट खेलते थे, जिन्हें देखकर दिव्या का भी इस खेल की ओर रुझान बढ़ा और उन्होंने 6 साल की उम्र में बल्ला थाम लिया। दिव्या को उनके पिता ने ही क्रिकेट खेलना सिखाया।
कोरोना महामारी के कारण दिव्या के माता-पिता हरियाणा वापस आए गए। वे वर्क-फ्रॉम होम करने लगे और दिव्या ने हरियाणा में ही प्रैक्टिस शुरू की। दिव्या की मेहनत रंग लाई और 3 साल बाद ही उन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसे वह अपने करियर की टर्निंग पॉइंट बताती हैं।
