हिलांग याजिक का नाम आज महिला बॉडीबिल्डिंग दुनिया में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है। हिलांग याजिक ने 11 से 15 जून 2025 के बीच आयोजित हुए 5वीं साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में देश के लिए 1 गोल्ड और 1 सिल्वर मैडल जीता है।
2001 में अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले में जन्मी हिलांग का बचपन प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक सुदूर क्षेत्र में बीता। वहां खेल और फिटनेस के क्षेत्र में कमी थी। हालांकि, हिलांग की मेहनत और संकल्प ने उन्हें देश और विदेश में एक खास पहचान दिला दी।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
हिलांग का बचपन सामान्य बच्चों की तरह बीता। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गांव में ही ली। हालांकि उनके पास खास तरह की कोचिंग या ट्रेनिंग की सुविधा नहीं थी, फिर भी उनमें बचपन से ही एक जिज्ञासु और आत्मविश्वासी स्वभाव था। किशोरावस्था में उन्होंने बॉडीबिल्डिंग में रुचि लेना शुरू किया।
यह भी पढ़ें: साउथ अफ्रीका ने कैसे हटाया चोकर्स का ठप्पा? बावुमा ने बताई एक-एक बात
करियर की शुरुआत और शुरुआती संघर्ष
मार्च 2022 में हिलांग ने गंगटोक (सिक्किम) में हुए फेडरेशन कप में अपने पहले बड़े राष्ट्रीय मुकाबले में हिस्सा लिया और महिला मॉडल फिजीक (165 सेमी से ऊपर) में चौथे स्थान पर रहीं। यह उनकी पहली राष्ट्रीय पहचान थी, जिससे उन्हें बड़े स्तर पर खेलने का मौका मिला।
नवंबर 2022 में कोलकाता में आयोजित ईस्ट जोन नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने मॉडल फिजीक वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर अपने प्रतिभा का परिचय दिया।
बड़ी सफलता और ऐतिहासिक उपलब्धियां
अप्रैल 2024 में गोवा में आयोजित फेडरेशन कप में उन्होंने महिलाओं की स्पोर्ट्स फिजीक कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला बनीं जिन्होंने इस प्रतियोगिता में पदक जीता। इसके बाद उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इंडोनेशिया में 56वीं एशियन बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप और मालदीव में आयोजित 15वीं वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
यह भी पढ़ें: साउथ अफ्रीका बना वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का किंग, AUS को दी मात
जून 2025 में भूटान की थिम्फू में आयोजित 15वीं साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग एंड फिजीक चैंपियनशिप में उन्होंने तीन पदक अपने नाम किए- महिला मॉडल फिजीक (≤155 सेमी) में गोल्ड मेडल, एक अन्य फिजीक कैटेगरी में सिल्वर, स्विमसूट फिजीक कैटेगरी में ब्रॉन्ज। यह सफलता उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला बॉडीबिल्डर बनाती है।