बहुचर्चित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आज (22 नवंबर) से आगाज हो गया। पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में जब भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया तो, उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि टीम 50 ओवर के अंदर ऑलआउट हो जाएगी। ऑस्ट्रेलिया की अनुशासित गेंदबाजी के सामने भारत का कोई बल्लेबाज नहीं टिक सका और पूरी टीम 150 पर सिमट गई। जोश हेजवलुड ने 4 विकेट झटके, जबकि मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और मिचेल मार्श ने दो-दो विकेट लिए। टेस्ट डेब्यू कर रहे नीतीश कुमार रेड्डी टीम इंडिया के शीर्ष स्कोरर रहे। आठवें नंबर पर उतरे रेड्डी ने 59 गेंद में 41 रन बनाए। ऋषभ पंत ने 37 और केएल राहुल ने जुझारू 26 रन की पारी खेली। इसके अलावा कोई भी बल्लेबाज स्कोरर्स को ज्यादा परेशान नहीं कर पाया।

 

 

न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू टेस्ट सीरीज में शर्मसार होकर ऑस्ट्रेलिया पहुंची भारतीय टीम के लिए यह दौरा काफी अहम है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में जगह बनाने के लिए भारत को हर हाल में 5 टेस्ट मैचों की इस सीरीज को जीतना होगा। मगर पर्थ की पहली पारी का हश्र देख ये संभव होता नहीं दिख रहा है। आइए देखते हैं भारतीय टीम से कौन सी 5 बड़ी गलतियां हुईं।

 

यशस्वी का खराब शॉट सेलेक्शन

 

यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी पहले 2 ओवर में बल्ले से कोई रन नहीं बना सकी थी। तीसरा ओवर लेकर आए मिचेल स्टार्क ने पहली गेंद थोड़ी ऊपर डाली, जिसे यशस्वी ड्राइव करने के प्रयास में गली में कैच दे बैठे। एक्सपर्ट्स का मानना था कि पर्थ में आप ऑन द अप ड्राइव नहीं कर सकते। घरेलू जमीन पर रनों का अंबार लगा चुके यशस्वी 8 गेंद खेलकर खाता भी नहीं खोल सके। 

 

टॉप ऑर्डर का फिर से बिखरना

 

यशस्वी के आउट होने के बाद चोटिल शुभमन गिल की जगह नंबर 3 पर उतरे देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदें खेलीं, लेकिन उनके बल्ले से भी कोई रन नहीं निकला। विराट कोहली ने भी निराश किया। क्रीज से काफी आगे खड़े होकर बैटिंग करने का प्लान बनाकर आए कोहली 5 रन बनाकर चलते बने। वह हेजलवुड की अतिरिक्त उछाल वाली गेंद पर स्लिप में लपके गए। केएल राहुल का संघर्ष स्टार्क ने खत्म किया। राहुल थोड़े अनलकी भी रहे, उन्हें विवादास्पद रूप से विकेट के पीछे कैच आउट दिया गया। राहुल का विकेट गिरते ही भारत का स्कोर 47/4 हो गया था। न्यूजीलैंड सीरीज में भी भारतीय टॉप ऑर्डर का प्रदर्शन कुछ इसी तरह रहा था।

मार्श की गेंदों पर आउट हुए बल्लेबाज

 

ऑलराउंडर मिचेल मार्श ने 5 ओवर ही गेंदबाजी की, जिसमें उन्होंने जुरेल और सुंदर का विकेट झटका। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह किसी बोनस से कम नहीं था, क्योंकि लंच के बाद मार्श से इसीलिए बॉलिंग करवाई जा रही थी कि कप्तान कमिंस तेज गेंदबाजों के भार को मैनेज कर सकें। मार्श 125 की गति के आस-पास गेंद डाल रहे थे और इसमें भी उन्होंने दो विकेट चटका डाले, जिससे भारत का लोअर ऑर्डर चरमरा गया।

 

हेजलवुड को एक टप्पे पर डालने देना

 

जोश हेजलवुड अपनी सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। अपनी लाइन और लेंथ में वह ज्यादा बदलाव नहीं करते हैं और लगातार एक टप्पे पर गेंदबाजी करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में यही उनकी सफलता का राज है। भारतीय बल्लेबाजों ने अगर उनको टप्पा नहीं पकड़ने दिया होता, तो स्कोरबोर्ड कुछ और ही होता।

 

अनुभवहीन खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा

 

भारतीय टीम मैनेजमेंट ने आर अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे दिग्गज ऑलराउंडर्स के ऊपर वॉशिंगटन सुंदर को तरजीह दी। सुंदर बल्ले से तो ज्यादा कमाल नहीं कर पाए, लेकिन वह गेंद के साथ अश्विन से कितना ज्यादा कारगर साबित हो पाते हैं, ये आने वाला वक्त ही बताएगा। वहीं सरफराज खान को बाहर कर ध्रुव जुरेल को मौका दिया गया। ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ धांसू प्रदर्शन करने वाले जुरेल बुरी तरह से फ्लॉप हुए। वह महज 11 रन ही जोड़ पाए।