भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला बर्मिंघम के एजबेस्टन में जारी है। खेल के पहले दो दिन में भारतीय टीम ने दबदबा बनाया हुआ है। इस बीच एजबेस्टन स्टेडियम की बाउंड्री लाइन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। 

 

इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीवन फिन ने खुलासा किया कि इस मैच के लिए एजबेस्टन की बाउंड्री लाइन छोटी कर दी गई है। स्टीवन फिन ने बताया कि यहां कि बाउंड्री लाइन टेस्ट मैचों में अमूमन इतनी छोटी नहीं होती, जितनी अभी दिख रही है। उन्होंने इसके पीछा का कारण भी बताया।

 

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इंग्लैंड ने क्यों किया ऐसा?

फिन ने एजबेस्टन में बाउंड्री लाइन के पास खड़े होकर बीबीसी स्पोर्ट्स से कहा, 'इंग्लैंड टीम टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना चाहती है और आखिरी पारी में टारगेट चेज करेगी। इसीलिए बाउंड्री इतनी छोटी कर दी गई है।' एजबेस्टन में सबसे बड़ी बाउंड्री काउ कॉर्नर की तरफ है, जो 65 मीटर की है। वहीं स्ट्रेट बाउंड्री 60 मीटर के आस-पास है। 

 

टेस्ट मैच के आखिरी दिन स्पिनर्स हावी रहते हैं। भारतीय टीम दो स्पिनर्स के साथ उतरी है। जानकारों का कहना है कि रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के खतरे से निपटने के लिए इंग्लैंड ने यह रणनीति अपनाया है। हालांकि इस फैसले के लिए उसे आलोचना झेलना पड़ा रहा है। एजबेस्टन में इस टेस्ट मैच को देखने के लिए मौजूद दर्शकों का कहना है कि उन्होंने इस वेन्यू पर कभी इतनी छोटी बाउंड्री नहीं देखी।

 

कप्तान बेन स्टोक्स और हेड कोच ब्रैंडन मैकुलम की जोड़ी के कमान संभालने के बाद टेस्ट क्रिकेट में ऐसा देखा गया है कि इंग्लैंड ने टॉस जीत कर गेंदबाजी का फैसला किया है और जो भी टारगेट उसे मिला है, उसे उसने चेज किया है।

 

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क्या इंग्लैंड ने तोड़े नियम?

ICC के नियम के अनुसार, सबसे लंबी बाउंड्री 90 गज (82.29 मीटर) की हो सकती है। वहीं सबसे छोटी 60 गज (59.43 मीटर) से कम नहीं होनी चाहिए। एजबेस्टन में कहीं-कहीं 59.43 मीटर से भी छोटी बाउंड्री है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इंग्लैंड ने नियम तोड़े? इसका जवाब ICC ने ही दे रखा है।

 

अगर किसी मैदान पर 1995 से पहले से क्रिकेट खेला जा रहा है तो उसे इन नियमों से छूट है। एजबेस्टन में पहला टेस्ट मैच 1902 में खेला गया था। इसलिए कहा जा सकता है कि इंग्लैंड ने कोई नियम नहीं तोड़े।

इंग्लैंड में बाउंड्री लाइन को लेकर उठते रहे हैं सवाल

2019 वर्ल्ड कप के दौरान भारत और इंग्लैंड की टक्कर एजबेस्टन में ही हुई थी। उस मुकाबले में इंग्लिश बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनर्स की जमकर धुनाई की और पहाड़ समान स्कोर खड़ा किया था, जिसे टीम इंडिया चेज नहीं कर पाई थी। हार के बाद तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने एजबेस्टन में एक तरफ बेहद छोटी बाउंड्री होने के चलते नाराजगी जाहिर की थी। 

 

ऑस्ट्रेलियाई टीम जब एशेज के लिए इंग्लैंड आती है, उस समय भी बाउंड्री लाइन को लेकर चर्चा खूब होती है। इंग्लैंड की 2005 एशेज जीत के दौरान यह हॉट टॉपिक रहा था। इंग्लैंड ने बाउंड्री की साइज छोटी की थी, जिस पर ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने सवाल उठाए थे। 'बैजबॉल' एरा में भी इंग्लैंड इसी रणनीति को अपनाती रही है।