भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है। शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया मेजबान टीम के साथ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी, जिसकी शुरुआत 20 जून से हेडिंग्ले में होगी। बदलाव के दौर से गुजर रही भारतीय टीम के लिए यह सीरीज बेहद मुश्किल होने वाली है क्योंकि इंग्लैंड को उसके घर में हराना एवरेस्ट चढ़ने से कम नहीं है। टीम इंडिया इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर अब तक 19 टेस्ट सीरीज में सिर्फ 3 बार हरा पाई है।
इंग्लैंड में भारत को पहली टेस्ट सीरीज जीत 54 साल पहले यानी 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में मिली थी। भारतीय टीम ने ओवल में खेले गए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में बाजी मार इतिहास रचा था।
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भागवत चंद्रशेखर ने पलटी बाजी
इस सीरीज के पहले दो टेस्ट ड्रॉ रहे थे। लॉर्ड्स में खेला गया पहला टेस्ट बेहद रोमांचक रहा था। 183 रन के टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने पांचवे दिन टी ब्रेक तक 8 विकेट के नुकसान पर 145 रन बना लिए थे। हालांकि इसके बाद बारिश के कारण खेल नहीं हो सका और मुकाबला बराबरी पर छूटा। वहीं मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर दूसरे टेस्ट में भारत को बारिश ने बचा लिया था। टीम इंडिया 420 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 65 रन पर अपने टॉप-3 को गंवा चुकी थी और उसके ऊपर हार का खतरा मंडरा रहा था लेकिन बारिश के कारण पांचवें दिन का खेल नहीं हो पाया और वह बाल-बाल बच गई।
अब बारी ओवल टेस्ट की थी। इस मुकाबले में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 355 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम 284 रन पर सिमट गई। इस तरह मेजबान टीम को 71 रन की बढ़त मिली। इसके बाद भागवत चंद्रशेखर की फिरकी का जादू चला और इंग्लैंड की दूसरी पारी महज 101 रन पर ढेर हो गई। चंद्रशेखर ने 38 रन देकर 6 विकेट झटके। उनकी कातिलाना गेंदबाजी से चौथी पारी में भारत को 173 रन का टारगेट मिला, जिसे टीम इंडिया ने 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर कराया। इंग्लैंड की धरती पर भारत की यह पहली टेस्ट जीत भी रही।
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ये रहे भारत की सीरीज जीत के हीरो
इंग्लैंड की सरजमीं पर भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत के हीरो एस वेंकटराघवन, चंद्रशेखर और बिशन सिंह बेदी की स्पिन तिकड़ी रही। वेंकटराघवन और चंद्रशेखर ने 13-13 विकेट झटके, जबकि बिशन सिंह बेदी ने 11 विकेट हासिल किए। भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन कप्तान वाडेकर ने बनाए। उन्होंने 6 पारियों में 34 की औसत से 204 रन बटोरे। ऑलराउंडर एकनाथ सोलकर ने 6 विकेट झटकने के अलावा 168 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया।