भारतीय क्रिकेट ने अपने दशकों के इतिहास में बहुत कुछ देखा है। कई बार शानदार जीत मिली तो कई बार हार मिली। 2023 के वर्ल्ड कप फाइनल की हार तो अब भी लाखों क्रिकेट फैन्स को कंपा देती है। हालांकि, एक मैच ऐसा भी हुआ था जिसे अगर भारतीय क्रिकेट का सबसे बदनाम मैच कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस मैच में भारत का खराब प्रदर्शन देखकर दर्शकों को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने हंगामा कर दिया। यह हंगामा इतना जोरदार हुआ कि मैच रोकना पड़ा और मैच जीतने की उम्मीद में बैटिंग कर रहे विनोद कांबली को रोते हुए मैदान छोड़ना पड़ा।
यह मैच भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। यह मैच साल 1996 के वर्ल्ड कप (वनडे क्रिकेट) का सेमीफाइनल था। मोहम्मद अजहरुद्दीन कप्तान थे और अजीत वाडेकर कोच थे। सामने रोमेश कालूवितरना और सनथ जयसूर्या जैसे खूंखार बल्लेबाज थे। हालांकि, भारत ने फैसला किया था कि अगर टॉस जीते तो बॉलिंग करेंगे। मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में था। भारत लीग मैच में श्रीलंका से हार चुका था तो बहुत संभलकर फैसले लिए जा रहे थे। टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी श्रीलंका के जयसूर्या और कालूवितरना जल्दी आउट भी हो गए थे। अरविंद डी सिल्वा और रोशन महानामा ने अर्धशतक जड़ दिया और श्रीलंका ने 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 251 रन बना डाले।
पहाड़ हो गए थे 251 रन
सचिन तेंदुलकर, नवजोत सिद्धू, मोहम्मद अजहरुद्दीन, संजय मांजरेकर और विनोद कांबली जैसे बल्लेबाजों से सजी टीम इंडिया के साथ इस मैच में कुछ ऐसा हुआ जो शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। दरअसल, सचिन तेंदुलकर जैसे महान क्रिकेटर से एक चूक हो गई थी कि वह पिच को सही नहीं पढ़ पाए थे। शुरुआत में मजबूत दिख रही पिच टूटने लगी थी और दूसरी पारी में बैटिंग करके 251 रनों का पीछा करना बहुत मुश्किल लगने लगा था।
गेंद जबरदस्त तरीके से स्पिन हो रही थी और श्रीलंका के गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों पर टूट पड़े। सबसे नवजोत सिद्धू चमिंडा वास का शिकार बने। अच्छी बल्लेबाजी कर रहे सचिन तेंदुलकर को पार्ट टाइम स्पिनर सनथ जयसूर्या ने आउट कर दिया। इसके तुरंत बाद अजहरुद्दीन बिना खाता खोले ही चलते बने और थोड़ी देर टिकने के बाद संजय मांजरेकर भी जयसूर्या का ही शिकार हो गए। 101 रन पर 4 विकेट गंवाकर मुश्किल में दिख रही टीम इंडिया के सामने अभी भी पहाड़ जैसा लक्ष्य था और एक-एक करके बल्लेबाज आउट हो रहे थे। 34।1 ओवर में भारत के सिर्फ 120 रन बने थे और 8 खिलाड़ी आउट हो चुके थे। विनोद कांबली 10 रन बनाकर क्रीज पर थे इसी बीच दर्शकों का सब्र खत्म हो गया।
शर्म से पानी-पानी हो गया भारत
अपनी टीम को हारता देख भारतीय फैन्स ने कांच और प्लास्टिक की बोतलें मैदान पर फेंकनी शुरू कर दीं। भीड़ को संभालने और खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने सभी खिलाड़ियों को वापस बुला लिया। बड़ी मुश्किल से आधे घंटे बाद खेल फिर से शुरू किया गया। हालांकि, मुथैया मुरलीधरन के गेंद फेंकने से पहले ही फिर से बोतलें चलने लगीं। बाउंड्री पर फील्डिंग करने वाले फील्डर दर्शकों के निशाने पर आ गए। ऐसे में मैच फिर से रोका गया और बल्लेबाजी करने वाले विनोद कांबली रोते हुए लौटे। इस हरकत ने न सिर्फ मैच को बर्बाद कर दिया बल्कि भारतीय क्रिकेट और भारत देश की जमकर फजीहत हुई। नियमों के मुताबिक, श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया और भारतीय टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।