भारतीय क्रिकेट में इस समय स्टार खिलाड़ियों के रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने पर तीखी बहस चल रही है। टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बाद बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलना अनिवार्य कर दिया है। बोर्ड के निर्देश के बाद ऋषभ पंत, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने रणजी के लिए हामी भर दी है। रोहित शर्मा मुंबई रणजी टीम के साथ प्रैक्टिस करते नजर आए थे। वहीं विराट कोहली को दिल्ली के रणजी संभावितों में शामिल किया गया है। हालांकि रोहित-विराट ने रणजी ट्रॉफी में खेलेंगे या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है। रणजी ट्रॉफी के छठे राउंड के मुकाबले 23 जनवरी से शुरू हो रहे हैं।

 

पिछले कई सालों से रणजी ट्रॉफी को स्टार खिलाड़ी नजरअंदाज कर देते थे। लेकिन अब बोर्ड ने उनकी मनमानी खत्म कर दी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने पर जोर दिया था। टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए लगातार रेड बॉल फॉर्मेट में खेलना जरूरी होता है।

 

खराब फॉर्म के बावजूद रणजी ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में टेस्ट टीम के खिलाड़ियों की गौरमौजूदगी पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। फॉर्म हासिल करने के लिए रणजी खेलना क्यों जरूरी है? यहां हम हाल के समय में कुछ खिलाड़ियों के उदाहरण से समझते हैं जिन्होंने रणजी खेलकर भारतीय टीम में वापसी की।

 

अजिंक्य रहाणे


अजिंक्य रहाणे को 2022 की शुरुआत में साउथ अफ्रीका दौरे के बाद टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 2022-23 रणजी सीजन में 11 पारियों में 57.63 की औसत से 634 रन बनाए और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 फाइनल के लिए टीम इंडिया में जगह बनाई। जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज दौरे पर उन्हें उप-कप्तान भी बनाया गया। हालांकि 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में उनका बल्ला शांत रहा और वह अपनी जगह फिर से गंवा बैठे। रहाणे भारतीय टीम में वापसी के लिए अब भी घरेलू क्रिकेट में जोर लगा रहे हैं।

 

चेतेश्वर पुजारा

 

रहाणे की तरह पुजारा को भी जनवरी 2022 में भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। पुजारा ने रणजी ट्रॉफी और काउंटी चैंपियनशिप में अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से 7 महीने के अंदर वापसी कर ली। टीम इंडिया में कमबैक के बाद उन्होंने 8 टेस्ट मैच खेले। WTC फाइनल 2023 के बाद जब नया साइकल शुरू हुआ तो उन्हें फिर से नजरअंदाज कर दिया गया। 10 दिन में 37 साल के होने जा रहे पुजारा अब भी नियमित रूप से रणजी में हिस्सा लेते हैं।

 

जयदेव उनादकट


जयदेव उनादकट ने दिसंबर 2010 में साउथ अफ्रीका दौरे पर भारतीय टीम के लिए टेस्ट डेब्यू किया था। इस मैच में वह कोई विकेट नहीं ले सके थे। इसके बाद उनादकट टीम में अपनी जगह गंवा बैठे थे। हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में पसीना बहाया और 12 साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की। उनादकट को दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर टेस्ट में खेलने का मौका मिला था। उन्हें 3 विकेट झटके थे। इसके बाद उन्होंने जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज दौरे पर 2 टेस्ट मैच खेले थे।