इंडियन प्रीमियर लीग का 18वां सीजन यानी IPL 2025 का आगाज 22 मार्च से हो रहा है। इससे दो दिन पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। बीसीसीआई ने सलाइवा बैन हटा दिया है। साथ ही अब दूसरी पारी में 2 गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा। बोर्ड ने ये फैसले गुरुवार (20 मार्च) को मुंबई में सभी 10 आईपीएल टीमों के साथ हुई मीटिंग के बाद लिए हैं। इससे गेंदबाजों को बड़ी राहत मिलेगी।

 

सलाइवा बैन हटाने की हो रही थी मांग

 

क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। मगर कोरोना महारामी के कारण इस पर बैन लगा दिया गया था। सिर्फ पसीने से गेंद को चमकाने की इजाजत थी। कुछ समय से इस बैन को हटाने की मांग हो रही थी। हाल ही में स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा था कि इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। अब बीसीसीआई ने सलाइवा से बैन हटा दिया है। आईपीएल के आगामी सीजन में गेंदबाज लार से गेंद को चमका सकेंगे। हालांकि इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी भी यह बैन जारी है।

 

बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, 'लार पर से बैन हटा दिया गया है। अधिकांश कप्तान इस कदम के पक्ष में थे। कुछ को फिर से इसे शुरू करने को लेकर संदेह था, कुछ तटस्थ रहे लेकिन अधिकांश ने इस कदम का समर्थन किया।'

 

यह भी पढ़ें: IPL में 4 साल और खेलेंगे धोनी? साथी खिलाड़ी का बड़ा खुलासा

 

दूसरी पारी में 2 गेंद का इस्तेमाल

 

शाम के मैचों में दूसरी पारी के दौरान अब दो 2 गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा। ओस के कारण 11वें ओवर के बाद एक गेंद बदली जाएगी। अधिकारी ने कहा, 'यह नियम में बदलाव नहीं है, यह सिर्फ इस साल सभी टीम और अंपायरों के बीच आपसी समझ है। बदली गई गेंद भी इस्तेमाल की गई होगी'

 

इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर भी हुई बात

 

कप्तानों की मीटिंग के एजेंडे में विवादास्पद 'इम्पैक्ट प्लेयर' नियम भी था। बीसीसीआई ने इस नियम को 2027 तक बढ़ा दिया है। रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी इस नियम पर अपनी आपत्ति व्यक्त कर चुके हैं।

 

अधिकारी ने कहा, 'हालांकि कुछ लोगों ने 'इम्पैक्ट प्लेयर' नियम पर आपत्ति जताई है लेकिन इससे 'अनकैप्ड' बल्लेबाजों और गेंदबाजों को फायदा हुआ है जिन्हें अन्यथा खेलने का मौका नहीं मिलता।'

 

यह भी पढ़ें: हैरी ब्रूक की जगह KL राहुल का बदलेगा बैटिंग ऑर्डर? समझिए

 

बीसीसीआई ने ऊंची जाने वाली वाइड गेंद और ऑफ स्टंप के बाहर की वाइड गेंद के लिए डीआरएस के इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी है। अधिकारी ने कहा, 'ऑफ स्टंप के बाहर की वाइड और ऊंची वाइड गेंद पर फैसला करने के लिए हॉक आई और बॉल ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।'