दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा टेस्ट के बाद इंटनरेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर चौंका दिया था। मैच खत्म होने के बाद अश्विन ने अचानक कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। अब अश्विन ने खुलासा किया है कि वह अपने 100वें टेस्ट के बाद ही संन्यास लेना चाहते थे लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
धोनी की वजह से बढ़ा इंटरनेशनल करियर?
अश्विन ने पिछले साल मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में अपना 100वां टेस्ट खेला। यह मुकाबला हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, धर्मशाला में हुआ था। अश्विन ने बताया कि उन्होंने एमएस धोनी को धर्मशाला आने के लिए आमंत्रित किया था। वह चाहते थे कि धोनी उन्हें इस खास मौके पर मोमेंटो (स्मृति चिन्ह) दें। मगर धोनी इस मैच के लिए नहीं आ सके।
अश्विन उस मैच को टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच बनाना चाहते थे लेकिन धोनी के ना आने चलते उन्होंने खेलना जारी रखा। अश्विन ने यह खुलासा चेन्नई सुपर किंग्स की किताब लियो-द अनटोल्ड स्टोरी के लॉन्चिंग इवेंट के दौरान किया। वह आईपीएल 2025 में चेन्नई की ओर से खेलेंगे। चेन्नई की टीम में अश्विन की 10 साल बाद वापसी हो रही है।
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धोनी दिया तोहफा
अश्विन ने बुक लॉन्च इवेंट में कहा, 'मैंने अपने 100वें टेस्ट के लिए एमएस (धोनी) को मोमेंटो सौंपने के लिए बुलाया था। मैं इसे अपना आखिरी टेस्ट बनाना चाहता था, लेकिन वह नहीं आ सके। हालांकि मुझे नहीं लगा था कि धोनी मुझे सीएसके में वापस लाने का तोहफा देंगे। यह बहुत बेहतर है। इसलिए, ऐसा करने के लिए एमएस, आपको धन्यवाद। मैं यहां आकर खुश हूं।'
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