भारतीय घरेलू क्रिकेट का सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का मौजूदा सीजन रोमांचक दौर में पहुंच गया है। रविवार (2 फरवरी) को टूर्नामेंट का सातवां और आखिरी लीग स्टेज राउंड समाप्त हुआ। जम्मू-कश्मीर, विदर्भ, हरियाणा और सौराष्ट्र की टीमें अपने ग्रुप में टॉप पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं। वहीं मुंबई, गुजरात, केरल और तमिलनाडु ने दूसरा स्थान हासिल कर अगले राउंड के लिए क्वालिफाई किया। नॉकआउट के मुकाबले 8 फरवरी से शुरू होंगे।

 

पहले क्वार्टर फाइनल में जम्मू-कश्मीर का सामना केरल से होगा। दोनों टीमें पुणे में भिड़ेंगी। विदर्भ की टीम अपने घर में तमिलनाडु से टकराएगी। हरियाणा की टक्कर रोहतक में डिफेंडिंग चैंपियन मुंबई से होगी। सौराष्ट्र और गुजरात का मुकाबला राजकोट में खेला जाएगा। उससे पहले लीग स्टेज में अपने प्रदर्शन से ध्यान खींचने वाले युवा खिलाड़ियों पर एक नजर।

 

लीग स्टेज में इन 5 युवा खिलाड़ियों ने बिखेरी चमक

 

हर्ष दुबे (विदर्भ)

 

22 साल के लेफ्ट आर्म स्पिन ऑलराउंडर हर्ष दुबे इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में नंबर-1 पर हैं। उन्होंने 7 मैचों में 14.50 के धांसू औसत से 55 विकेट झटके हैं। हर्ष 6 बार 5 विकेट ले चुके हैं। पारी में 36 रन देकर 6 विकेट उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा है। हर्ष ने बल्ले से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने 10 पारियों में 308 रन बटोरे हैं, जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं। हर्ष को भारतीय टेस्ट टीम में रवींद्र जडेजा के रिप्लेसमेंट के रूप में देखा जा रहा है।

 

आकिब नबी (जम्मू और कश्मीर)

 

दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकिब नबी ने मुंबई के खिलाफ जम्मू-कश्मीर की ऐतिहासिक जीत में अमह भूमिका निभाई थी। आकिब ने मैच में 6 विकेट अपनी झोली में डाले थे। उन्होंने पहली पारी में यशस्वी जायसवाल को चलता किया था, तो दूसरी पारी में श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे और शार्दुल ठाकुर जैसे स्टार प्लेयर्स का शिकार किया था। आकिब मौजूदा सीजन में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 7 मैचों की 13 पारियों में 38 विकेट झटके हैं। उन्होंने पांच बार पंजा खोला है। 

 

यश राठौड़ (विदर्भ)

 

मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज यश राठौड़ बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। 24 साल के यश ने 7 मैचों की 12 पारियों में 50 से ज्यादा की औसत से 603 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 2 अर्धशतक निकले हैं। इस घरेलू सीजन में विदर्भ की सफलता में वह गुमनाम हीरो रहे हैं। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी 2 शतक जमाए थे। 

 

अंशुल कम्बोज (हरियाणा)

 

24 साल के अंशुल कम्बोज उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अकेले केरल की टीम को ऑलाउट कर दिया था। 15 नवंबर को लाहली में अंशुल ने केरल के सभी 10 विकेट चटकाए थे। रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा करने वाले वह तीसरे गेंदबाज बने थे। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज अंशुल ने मौजूदा रणजी सीजन में 5 मैच खेले हैं, जिसमें 29 विकेट अपने नाम किए हैं। उन्होंने कर्नाटक के खिलाफ पिछले मैच में 7 विकेट लेकर अपनी धार दिखाई थी। 

 

आयुष पांडे (छत्तिसगढ़)

 

छत्तिसगढ़ की टीम भले ही इस रणजी सीजन में कोई मैच नहीं जीत सकी और नॉकआउट के क्वालिफिकेशन की रेस से काफी पहले बाहर हो गई लेकिन उनके लिए आयुष पांडे बड़े पॉजिटिव रहे। बिहार की राजधानी पटना में जन्मे इस 21 साल के युवा ओपनर ने 7 मैचों में 67.63 की औसत से 744 रन बनाए। फिलहाल वह सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में टॉप-3 में हैं।