प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के आखिरी 'मन की बात' कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक का जिक्र किया है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयोजित इस कार्यक्रम से प्रधानमंत्री प्रभावित हुए हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि नक्सल बाहुल क्षेत्र में युवाओं को खेल से जोड़ना, देश की मुख्य धारा में उन्हें वापस लाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पहले नक्सली इलाके में डर का माहौल रहता था, अब बस्तर जैसी जगह पर ओलंपिक जैसे खेल कुंभ का आयोजन हो रहा है। युवा ऐसे खेलों में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यही युवा, विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे।

बस्तर ओलंपिक है क्या?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बस्तर, एक जमाने में नक्सली गतिविधियों के केंद्र में था। यहां माओवादी हिंसा होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बस्तर ओलंपिक में कई खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है, अलग-अलग खेलों में शामिल हुए हैं। यह बेहद खुशी की बात है।


प्रधानमंत्री बस्तर ओलंपिक के बारे में बताते हुए कहते हैं, 'बस्तर में अनूठा ओलंपिक शुरू हुआ है। बस्तर ओलंपिक में एक नई क्रांति पैदा हो रही है। मेरे लिए यह बेहद खुशी की बात है।  बस्तर में ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी नक्सली गतिविधियों के केंद्र में था।

बस्तर ओलंपिक्स में लगभग 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिन्होंने अलग-अलग खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान अलग-अलग खेलों का आयोजन हुआ था। तीरंदाजी से लेकर हॉकी तक के मैच हुए थे। बस्तर ओलंपिक का शुभंकर वन भैंसा और पहाड़ी मैना है। बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाती है।

बस्तर ओलंपिक ने कितने खिलाड़ियों ने लिया था हिस्सा?
बस्तर ओलंपिक में पुरुष खिलाड़ियों की संख्या 1252 और महिला खिलाड़ियों की संख्या 1170 थी। वहीं सरेंडर नक्सली खिलाड़ी 318 और नक्सल हिंसा से ग्रसित 18 खिलाड़ी इस ओलंपिक में हिस्सा लिया है। खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बस्तर ओलंपिक में इस बार रिकॉर्ड 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है।

 

मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारी कश्यप जी की कहानी का भी जिक्र किया है, जिन्हें तीरंदाजी में रजत पदक मिला है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक ने उन्हें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है। 

 

खेल का मंत्र क्या था?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक्स का मुख्य मंत्र 'करसय ता बस्तर बरसय ता बस्तर' है, जिसका अर्थ है बस्तर खेलेगा - बस्तर जीतेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह आयोजन न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह युवाओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक नए भारत का निर्माण करने के लिए प्रेरित करता है।