रणजी ट्रॉफी के छठे राउंड का पहला दिन (23 जनवरी) गेंदबाजों के नाम रहा। सौराष्ट्र के लिए रवींद्र जडेजा और राजस्थान के खलील अहमद ने 5-5 विकेट झटके। वहीं गुजरात के लेफ्ट आर्म स्पिनर सिद्धार्थ देसाई ने हाहाकारी प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड के खिलाफ पहले सेशन में ही 9 विकेट चटका दिए। अहमदाबाद के गुजरात कॉलेज ग्राउंड में खेले जा रहे इस मुकाबले में सिद्धार्थ परफेक्ट 10 यानी पूरी टीम को अकेले ऑलआउट कर देते लेकिन आखिरी विकेट उन्हें मिला। हरियाणा के अंशुल कम्बोज ने इसी सीजन केरल के खिलाफ सभी 10 विकेट झटके थे। सिद्धार्थ भले ही परफेक्ट 10 नहीं लगा सके लेकिन वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट की एक पारी में गुजरात के लिए सबसे ज्यादा विकेट विकेट झटकने वाले गेंदबाज बन गए।  

 

4 गेंद में झटके 3 विकेट

 

सिद्धार्थ ने पहले तीन विकेट सिर्फ 4 गेंदों में झटक लिए थे। उन्होंने पांचवें ओवर की तीसरी, चौथी और छठी गेंद पर विकेट झटके। इसके बाद उन्होंने घातक गेंदबाजी जारी रखते हुए उत्तराखंड का स्कोर 110 रन 9 कर दिया। आखिरी विकेट विशाल जायसवाल को मिला। सिद्धार्थ देसाई ने 15 ओवर में 36 रन देकर 9 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। इसके साथ ही उन्होंने 65 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त किया। 1960-61 में गुजरात की ओर से जसु पटेल ने सौराष्ट्र के खिलाफ 21 रन देकर 8 विकेट चटकाए थे।

 

 

रणजी ट्रॉफी इतिहास में बेस्ट बॉलिंग फिगर

  • 10/49 - अंशुल कम्बोज (हरियाणा बनाम केरल)- रोहतक, 2024
  • 9/23 - अंकित चव्हाण (मुंबई बनाम पंजाब) - वानखेड़े, 2012
  • 9/36 - सिद्धार्थ देसाई (गुजरात बनाम उत्तराखंड) - अहमदाबाद, 2025
  • 9/45 - आशीष जैदी (यूपी बनाम विदर्भ) - कानपुर, 1999
  • 9/52 - आर संजय यादव (मेघालय बनाम नागालैंड) - सोविमा, 2019

कौन हैं सिद्धार्थ देसाई?

 

सिद्धार्थ देसाई ने 2017-18 रणजी सीजन में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। उन्होंने पहले ही मैच में 9 विकेट चटकाए थे। सिद्धार्थ ने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 6 बल्लेबाजों का शिकार किया। उन्होंने पिछले साल जनवरी में कर्नाटक के खिलाफ दूसरी पारी में 7 विकेट लेकर गुजरात को 6 रन से रोमांचक जीत दिलाई थी। 

 

गुत्तराखंड के खिलाफ कहर ढाने से पहले 24 साल के इस स्पिनर के खाते में 36 फर्स्ट क्लास मैचों 159 विकेट थे। उन्होंने फरवरी 2018 में अपने लिस्ट-ए करियर की शुरुआत की थी। सिद्धार्थ ने 20 लिस्ट-ए मैचों में 25 विकेट चटकाए हैं। पीयूष चावला के वापस उत्तर प्रदेश की टीम से जुड़ने के बाद सिद्धार्थ देसाई गुजरात के फ्रंटलाइन स्पिनर के रूप में उभरे हैं।