नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने देश के स्टार रेसलर बजरंग पुनिया को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया है। उन पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। नेशनल टीम के लिए चल रहे ट्रायल में उन्होंने 10 मार्च को डोप सैंपल देने से इनकार कर दिया था। उन्हें अब 4 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
बजरंग पुनिया, टोक्यो ओलंपिक 2020 के हीरो रहे हैं, उन्होंने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया को NADA ने बैन किया था, जिसके बाद उन्हें यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भी सस्पेंड कर दिया था। अब वे न तो खेल सकेंगे, न ही विदेश में जाकर कोचिंग ले सकेंगे।
बजरंग पुनिया ने अपने निलंबन के खिलाफ अर्जी दी थी। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के फैसले पर रोक लगाई थी। 23 जून को NADA ने उन्हें आरोपों के बारे में बताया। बजरंग पुनिया, कुश्ती से अलग होकर राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 11 जुलाई को एक बार फिर उन्होंने आरोपों के खिलाफ लिखित चुनौती दायर की। 20 सितंबर और 11 अक्तूबर को इस प्रकरण में सुनवाई हुई। ADDP ने अपने आदेश में कहा है कि पैनल का मानना है कि एथीलीट पर अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। वे 4 साल की अवधि तक के लिए अयोग्य हैं।
इस निलंबन से होगा क्या?
बजरंग पुनिया पर लगा यह बैन जारी रहता है तो कुश्ती में उनकी राह मुश्किल हो सकती है। वे कुश्ती में वापसी नहीं कर सकेंगे. अगर वे चाहें तो विदेश में कोच के तौर पर भी नहीं जा सकते हैं। 23.4.2024 से लेकर अगले 4 साल वे खेल नहीं सकेंगे।
बजरंग पुनिया का क्या कहना है?
बजरंग पुनिया लगातार यह सवाल उठाते रहे हैं कि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उन्होंने लगातार आवाज उठाई, धरना दिया, इसलिए उन्हें डोप टेस्ट के बहाने किसी षड्यंत्र में फंसाया जा सकता है। उनका कहना है कि उनके साथ बेहद पक्षपातपूर्ण और अनुचित व्यवहार किया जाता है। बजरंग पुनिया ने कहा है कि उन्होंने कभी सैंपल देने से इनकार नहीं किया था, बल्कि यह जानना चाहा था कि उनके ईमेल पर NADA का जवाब क्या है। उन्होंने जवाब मांगा था कि दिसंबर 2023 में उनका सैंपल टेस्ट करने के लिए क्यों एक्सपायर किट भेजी गई थी।
डोप टेस्ट है क्या?
डोप टेस्ट, शरीर में साइको एक्टिव ड्रग्स की जांच के लिए किया जाता है। ये दवाइयां ऐसी होती हैं, जिन्हें लेने से दिमाग के काम करने के तरीके, मनोदशा, शारीरिक क्षमता और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है। डोपिंग कंट्रोल, खेल भावना की रक्षा के लिए किया जाता है, जिससे सभी खिलाड़ी, अपनी प्राकृतिक क्षमताओं के सहारे ही खेल के मैदान में उतरें, किसी दवाई के प्रभाव में नहीं। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ही खेल में साइको एक्टिव ड्रग्स की रोकथाम के लिए नियम तय करता है।
NADA का पक्ष क्या था?
NADA का कहना है कि उन्होंने अपने एक्शन की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा है कि अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया था, उन्हें कहा गया था कि सैंपल देना जरूरी है। बजरंग पुनिया ने कहा कि NADA का रवैया, संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि NADA ने अगर उनके सवाल का सही जवाब दिया होता तो सैंपल देने के लिए राजी थे।
बजरंग पुनिया किस कानून को तोड़ने का लगा है आरोप?
NADA का कहना है कि बजरंग पुनिया ने जानबूझकर सैंपल नहीं दिया है। उन्होंने एंटी डोपिंग रूल्स 2021 के अनुच्छेद 20.1 और 20.2 का उल्लंघन किया है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही दिखाई है और उपेक्षा बरती है।