भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। गुकेश ने रविवार (8 दिसंबर) को 11वें गेम में डिफेंडिंग चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हरा दिया। सिंगापुर में हो रहे FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में 18 साल के गुकेश की यह दूसरी जीत है। लिरेन ने पहला गेम अपने नाम किया था, जबकि गुकेश ने तीसरे गेम में बाजी मारी थी। 14 गेम के फाइनल में 7 बाजियां ड्रॉ रही हैं। इस चैंपियनशिप में गुकेश अब 6-5 से आगे हो गए हैं।

 

डी गुकेश ने नाइट मूव से शुरुआत की। वहीं लिरेन रिवर्स बेनोनी ओपनिंग के लिए गए। चीन के खिलाड़ी के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया। गुकेश ने पांच चालों के बाद ही एक घंटे की लीड ले ली थी और ऐसे महत्वपूर्ण गेम में लिरेन के लिए वापसी करना काफी मुश्किल हो गया। लिरेन अपने 28वें टर्न में बड़ी गलती कर बैठे और उन्होंने तुरंत ही समर्पण कर दिया। इस जीत के बाद गुकेश वर्ल्ड चैंपियन बनन से अब कुछ ही कदम की दूरी पर हैं।

 

'देश के लिए गर्व का पल'

 

11वें गेम में गुकेश की जीत को भारतीय चेस फेरेशन के अध्यक्ष नितिन नारंग ने देश के लिए गर्व का पल बताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, '11वीं बाजी में सफेद मोहरों के साथ गुकेश ने बेहतरीन जीत हासिल की। इस जीत से उन्हें वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में डिंग पर 6-5 की लीड मिल गई है। अब 3 ही गेम बाकी रह गए हैं। ऐसे नाजुक स्टेज में यह जबरदस्त जीत गुकेश के लिए बड़ा बूस्ट है। साथ ही देश के लिए गर्व का पल है।' नितिन नारंग ने गुकेश को ऐसे ही मोमेंटम बरकरार रखने के लिए शुभकामनाएं दी। 

 

 

क्या इतिहास रचेंगे गुकेश?

 

वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में 14 में से अब 3 गेम ही बचे हैं। जो खिलाड़ी पहले 7.5 अंक हासिल कर लेगा वह वर्ल्ड चैंपियन बन जाएगा। फिलहाल गुकेश के पास 6 अंक हैं। वहीं लिरेन के पास 5 अंक हैं। गुकेश अगर बचे हुए 3 गेम ड्रॉ भी करा लेते हैं, तो वह चैंपियनशिप जीत लेंगे। बाजी ड्रॉ होने पर दोनों खिलाड़ियों में आधे-आधे अंक बटते हैं। गुकेश ऐसा करने में सफल रहते हैं, तो वह विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी होंगे।

 

डिंग लिरेन के लिए अपना खिताब बचाने की राह मुश्किल हो गई है। उन्हें चैंपियन बनने के लिए अगले तीन गेम जीतने होंगे या फिर गुकेश को 7.5 अंक के नीचे रोककर मुकाबले को टाई-ब्रेकर में ले जाना होगा। 14 बाजी के बाद स्कोर बराबर रहने पर रैपिड फॉर्मेट में टाई-ब्रेकर होगा।