राजस्थान रोडवेज में बिना काम किए वेतन लेने वाले कर्मचारियों पर बड़ा ऐक्शन लिया गया है। गुरुवार को राजस्थान रोडवेज के झुंझुनू डिपो के मुख्य मैनेजर समेत 24 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई इन कर्मचारियों के लंबे समय तक काम पर ना आने और बिना काम किए वेतन लेने को लेकर मिली शिकायतों के बाद हुई है। प्रारंभिक जांच में इन कर्मचारियों के खिलाफ प्रर्याप्त सबूत मिलने का दावा भी किया गया है।
इस कार्रवाई पर जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि डिपो के 16 कर्मचारियों के खिलाफ लंबे समय से काम पर ना आने और बिना काम किए वेतन लेने की शिकायत मिली थी। इसके बाद इस मामले में जांच करवाई गई और इस जांच में यह सामने आया की यह कर्मचारी बिना काम किए वेतन ले रहे थे। इसके बाद ही इनपर कार्रवाई की गई। इस मामले में अभी चार्जशीट बनाई जाएगी और आगे जांच की जाएगी।
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24 को किया सस्पेंड
डिपो से शिकायत मिलने पर हुई प्रारंभिक जांच में सामने आया कि डिपो के 24 कर्मचारी बिना काम किए ही वेतन ले रहे थे। राजस्थान रोडवेज की चेयरमैन शुभ्रा सिंह ने एक बयान में बताया कि प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर डिपो में कार्यरत 24 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सस्पेंड किए गए कर्मचारियों में डिपो के मुख्य मैनेजर, 4 मैनेजर, 5 ड्राइवर और 11 कंडक्टर शामिल हैं।
पूर्व कर्मचारियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
राजस्थान रोडवेज के झुंझनू डिपो से लंबे समय से इस तरह की अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही थी। पहले 16 कर्मचारियों के खिलाफ यह जांच शुरू हुई थी और इसमें 24 लोगों को दोषी पाया गया है। इस मामले में अभी चार्जशीट भी दाखिल होगी और इस चार्जशीट में 2020 के बाद से इस डिपो में काम कर चुके कई मैनेजरों और कर्मचारियों के नाम हो सकते हैं। एक अधिकारी के बयान के अनुसार, झुंझुनू डिपो में 2020 से कार्यरत सभी मैनेजरों और सात रिटायर्ड कर्मचारियों क्चार्जशीट जारी करने का भी निर्णय लिया गया है।
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सभी डिपो में हो सकता है ऑडिट
4,500 से ज्यादा बसों का संचालन करने वाला राजस्थान रोडवेज लाखों यात्रियों की सेवा करता है। इस तरह के घोटाले इसके वित्तीय संसाधनों पर भारी पड़ते हैं। इस धांधली के सामने आने के बाद राज्य के सभी डिपो पर ऑडिट करवाने की मांग की जा रही है। रोडवेज के अधिकारियों ने बताया की भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी और नियमित ऑडिट लागू करने पर विचार किया जा रहा है। अभी इस मामले की जांच जारी है।