पंजाब के अमृतसर में जासूसी के आरोप में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों ने रविवार को एक बड़ा खुलासा किया। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों में से एक सेना का जवान भी है और वह कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के संपर्क में था। पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि आरोपी सेना का जवान पैसों के संदिग्ध लेनदेन में भी शामिल रहा है। पुलिस अभी इस मामले में आगे जांच कर रही है। 


अमृतसर ग्रामीण पुलिस के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) मनिंदर सिंह ने मीडिया को इस मामले में जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'हमें सूचना मिली थी कि भारतीय सेना में सिपाही गुरप्रीत गोपी के ISI से संपर्क थे और वह उनके संपर्क में था। वह धारीवाल गांव के अपने दोस्त साहिल मसीह के साथ पैसों का संदिग्ध लेनदेन कर रहे था।' मनिंदर सिंह ने बताया कि गुरप्रीत पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट की धारा 359 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 359 के तहत मामला दर्ज किया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। 

 

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जम्मू में तैनात हैं गुरप्रीत

आरोपी गुरप्रीत जम्मू में तैनात हैं और पुलिस को जांच में कई आपत्तिजनक जानकारी मिली है। SSP मनिंदर सिंह ने बताया, 'जांच के दौरान सूचना इकट्ठा करने के बाद हमें पता चला कि गुरप्रीत जम्मू में तैनात हैं। उन्हें हिरासत में लेने के बाद हमें कई आपत्तिजनक जानकारी मिली। विस्तृत जांच के बाद हमने FIR दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हमने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को सूचित कर दिया है और पूछताछ चल रही है।'गुरप्रीत सिंह उर्फ ​​गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ ​​शाली नाम के दो व्यक्तियों को पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है। रविवार को पुलिस ने संदेह के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

 

 गुरप्रीत सिंह ISI के सीधे संपर्क में था

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने भी रविवार को इस मामले में पोस्ट कर जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के संदिग्ध 2 व्यक्तियों को पकड़ा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ ​​गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ ​​शाली के रूप में हुई है।'

 

उन्होंने यह भी बताया कि वह पाकिस्तान की ISI के अधिकारियों के साथ संपर्क में थे। DGP ने लिखा, 'प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गुरप्रीत सिंह ISI ऑपरेटिव के सीधे संपर्क में था और उस पर पेन ड्राइव के माध्यम से संवेदनशील और गोपनीय जानकारी शेयर करने का संदेह है। मामले में शामिल मुख्य ISI हैंडलर की पहचान राणा जावेद के रूप में हुई है। ISI ऑपरेटिव के साथ बात करने के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए 2 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।'