कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के प्रसिद्ध डॉग ब्रीडर और भारतीय डॉग ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. सतीश के एक दावे ने उनको मुश्किल में डाल दिया है। सतीश ने दावा किया था कि उन्होंने दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता खरीदा है, इस दावे के खबर वायरल होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच करने के लिए उनके घर पहुंच गई।
ईडी ने डॉग लवर सतीश के घर जाकर जब छापा मारा, तो जांच में सामने आया कि 50 करोड़ रुपये का कुत्ता खरीदने की उसकी कहानी पूरी तरह फर्जी है। दरअसल 51 साल के सतीश ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि उन्होंने दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता खरीदा है, जिसकी कीमत 50 करोड़ रुपये है। उनके इस दावे ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दया था।
रेयर वुल्फडॉग खरीदने का दावा
सतीश ने कहा था कि उन्होंने अमेरिका से एक रेयर वुल्फडॉग ‘Cadaboms Okami’ खरीदा है। इस कुत्ते को उन्होंने इतना महंगा इसलिए बताया क्योंकि यह कुत्ता भेड़िए और कॉकेशियन शेफर्ड की हाइब्रिड नस्ल है। उन्होंने कई इंटरव्यू में दावा किया कि भारत में ऐसा कुत्ता पहली बार आया है।
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ईडी को गड़बड़ी का संदेह है
प्रवर्तन निदेशालय ने ये छापेमारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत की है। लेकिन अब जांच में सच्चाई सामने आ गई है। ईडी ने जब सतीश के घर पर छापा मारा तो जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो कि वाकई उसने 50 करोड़ रुपये का कुत्ता खरीदा है। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि सतीश ने इस झूठ को फैलाने के लिए कुछ सोशल मीडिया वालों के साथ मिलकर प्रचार किया था।
ईडी को घर में कुत्ता नहीं मिला
सतीश के घर जांच करते हुए ईडी को उसके घर में ऐसा कोई कुत्ता नहीं मिला। अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए कहा कि सतीश के पास न तो कुत्ता था और न ही उसके पास इतनी महंगी लेनदेन के कोई वित्तीय दस्तावेज मिले।
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बता दें कि ईडी को सतीश के खिलाफ पहले से कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनमें हवाला लेन-देन की बातें भी सामने आई थीं। इसी के चलते एजेंसी ने उसके पैसे के सोर्स और खर्चों की गहराई से जांच शुरू की। फिलहाल जांच अभी जारी है और एजेंसी यह जानने में लगी है कि उसका असली पेशा क्या है और उसने लोगों को गुमराह क्यों किया?